छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर की बेटी, पूर्वा अग्रवाल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मजबूत इच्छाशक्ति, समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 65वीं रैंक प्राप्त कर पूर्वा न केवल प्रदेश की टॉपर बनी हैं, बल्कि अब वे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की ओर बढ़ चुकी हैं।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
पूर्वा का प्रारंभिक जीवन बिलासपुर में बीता, जहाँ उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने सिंगापुर में इंटर्नशिप कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अनुभव प्राप्त किया। लाखों के पैकेज की नौकरी के ऑफर को ठुकराकर उन्होंने सिविल सेवा में देश सेवा का सपना चुना।
संघर्ष और सफलता
पूर्वा ने खुलकर बताया कि उनका सफर आसान नहीं था। पहले प्रयास में वे यूपीएससी मेन्स परीक्षा में सफल नहीं हो सकीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी गलतियों से सीखकर उन्होंने एक विशेष रणनीति बनाई, टाइम मैनेजमेंट पर काम किया और खुद को मानसिक रूप से मजबूत किया। सीनियर्स की प्रेरणा और आत्मविश्वास ने उन्हें नए जोश से भर दिया। नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2023 में उन्हें आईपीएस के रूप में चयनित किया गया और छत्तीसगढ़ कैडर मिला।
2024 में एक बार फिर उन्होंने प्रयास किया और इस बार न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि 65वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनने की राह भी प्रशस्त कर ली।
परिवार और प्रेरणा
पूर्वा के पिता एमएस अग्रवाल छत्तीसगढ़ तकनीकी शिक्षा विभाग में एडिशनल डायरेक्टर हैं और उनकी मां एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। परिवार का शिक्षित और प्रेरणादायक वातावरण उनके सफर में एक मजबूत आधार रहा।
युवाओं के लिए संदेश
पूर्वा का मानना है कि—
“अगर आप कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने मन को मजबूत बनाइए। अपने ऊपर विश्वास रखिए, सकारात्मक सोच रखिए और सही दिशा में मेहनत कीजिए। असफलता को रुकावट नहीं, बल्कि सीखने का अवसर समझिए।”
उनकी यह सोच आज के युवाओं के लिए एक मिसाल है।