बिलासपुर जिले में दो निजी चॉइस सेंटर संचालकों के विरुद्ध सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। कलेक्टर संजय अग्रवाल द्वारा इन दोनों संचालकों की शासकीय सेवाओं से जुड़ी आईडी को बंद कर दिया गया है, जिससे अब वे किसी भी सरकारी कार्य को संपादित करने के लिए अपात्र हो गए हैं।
यह कार्रवाई नायब तहसीलदार सीपत द्वारा की गई शिकायत के बाद हुई, जिसमें दोनों संचालकों की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच की जिम्मेदारी चिप्स कार्यालय के ईडीएम को सौंपी गई थी। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए और कार्रवाई से पहले दोनों संचालकों को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तखतपुर ब्लॉक के ग्राम अमसेना में संचालित चॉइस सेंटर के संचालक अरविन्द कुमार पटेल पर आरोप था कि उन्होंने निजी चॉइस सेंटर की आईडी होने के बावजूद फर्जी तरीके से मितान आईडी का उपयोग करते हुए आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आवेदन की स्वीकृति के लिए शासकीय अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास किया, जो स्पष्ट रूप से असंवैधानिक और अनैतिक है।
वहीं दूसरी ओर, ग्राम पंचायत मस्तूरी में संचालित चॉइस सेंटर के संचालक अरूण कुमार गोयल ने आय प्रमाण पत्र के लिए बार-बार त्रुटिपूर्ण आवेदन प्रस्तुत किया। जब उनसे त्रुटियों को सुधारने को कहा गया, तब भी उन्होंने उन्हें नजरअंदाज कर पुनः वही गलतियाँ दोहराईं।
जांच में दोनों संचालकों द्वारा तथ्यों को छुपाने और शासकीय प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के आरोप सिद्ध हो गए। इसके आधार पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कठोर निर्णय लेते हुए दोनों की आईडी निरस्त करने का आदेश दिया, जिससे वे अब किसी भी प्रकार की शासकीय सेवा में भाग नहीं ले सकेंगे।
यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम उदाहरण है। कलेक्टर द्वारा की गई यह कार्रवाई अन्य निजी सेवा प्रदाताओं के लिए चेतावनी स्वरूप मानी जा सकती है, जिससे भविष्य में ऐसी लापरवाही और अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।