बिलासपुर। गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) कैंप के दौरान सामूहिक नमाज पढ़वाने को लेकर उपजा विवाद अब एक बड़े छात्र आंदोलन का रूप ले चुका है। विश्वविद्यालय के एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर दिलीप झा की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने प्रोफेसर झा के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उनकी गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और शैक्षणिक माहौल को राजनीतिक रंग न दिया जाए। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर झा को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है जबकि वे केवल एक कैंप का संचालन कर रहे थे जिसमें सभी धर्मों के छात्रों की सहभागिता होती है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एनएसएस कैंप में सामूहिक नमाज पढ़वाने को लेकर छात्रों के एक गुट ने आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस से शिकायत की थी। इसी के आधार पर पुलिस ने तड़के करीब 3 बजे प्रोफेसर दिलीप झा को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, उन्हें बाद में गुरुवार शाम को ही कोटा न्यायालय से जमानत मिल गई और वे रिहा हो चुके हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि एनएसएस कैंप का उद्देश्य सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय एकता का संदेश देना है, न कि धार्मिक भेदभाव फैलाना। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की कि इस विवाद को सुलझाने के लिए सभी पक्षों से बातचीत की जाए और किसी भी शैक्षणिक व्यक्ति को बिना पर्याप्त जांच के दोषी न ठहराया जाए।
इस मामले ने न केवल विश्वविद्यालय परिसर में बल्कि पूरे शहर में बहस छेड़ दी है कि क्या शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और शासन-प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाते हैं।