राजनीति

बिलासपुर: ग्रामीणों ने मंच से की शराब दुकान खोलने की मांग, 22 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा आवेदन देख विधायक भी रह गए हैरान…

बिलासपुर: ग्रामीणों ने मंच से की शराब दुकान खोलने की मांग, 22 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा आवेदन देख विधायक भी रह गए हैरान...

बिलासपुर | तखतपुर | 

बिलासपुर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत जरौंदा में आयोजित समाधान शिविर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया। समाधान शिविर के दौरान ग्रामीणों ने मंच से क्षेत्रीय विधायक धर्मजीत सिंह के समक्ष गांव में शराब दुकान खोलने की मांग रख दी। यह मांग न केवल अनोखी थी, बल्कि विधायक सहित प्रशासन के लिए भी चौंकाने वाली रही।

22 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार
विधायक धर्मजीत सिंह ने ग्रामीणों की मांग पर हैरानी जताते हुए कहा, “मेरे 22 साल के राजनीतिक कॅरियर में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी ने मुझसे शराब दुकान खोलने का आवेदन दिया है।” उन्होंने तुरंत मंच से आबकारी निरीक्षक से शराब दुकान खोलने की प्रक्रिया की जानकारी ली और ग्रामीणों को इस पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।

कोड़ापुरी के ग्रामीणों की पहल
बताया जा रहा है कि यह मांग कोड़ापुरी गांव के कुछ ग्रामीणों द्वारा रखी गई, जिन्होंने तर्क दिया कि आसपास के क्षेत्र में शराब आसानी से उपलब्ध नहीं है और इस कारण उन्हें दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना था कि अधिकृत शराब दुकान की सुविधा से अवैध शराब बिक्री पर भी रोक लगेगी।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक धर्मजीत सिंह मंच से इस अनोखी मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे ग्रामीणों की खुली सोच कहा है तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए हैं।

सुशासन तिहार के तहत आयोजित हुआ था शिविर
गौरतलब है कि यह समाधान शिविर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार अभियान के तहत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर समाधान करना है। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, बिजली और रोजगार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मांग पर क्या रुख अपनाता है और क्या जरौंदा या कोड़ापुरी गांव में शराब दुकान की स्वीकृति मिलती है या नहीं। वहीं, इस मामले ने शासन और समाज के बीच शराब नीति पर भी एक बार फिर बहस छेड़ दी है।

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