
बस्तर/कोरापुट। छत्तीसगढ़ पुलिस को माओवाद विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस और ओडिशा के जिला स्वैच्छिक बल (डीवीएफ) की संयुक्त कार्रवाई में ओडिशा के कोरापुट जिले से कुख्यात नक्सली नेता कुंजम हिडमा उर्फ मोहन को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी माओवादियों की गतिविधियों पर बड़ा प्रहार मानी जा रही है।
हिडमा की गिरफ्तारी के साथ ही सुरक्षाबलों ने उसके कब्जे से भारी मात्रा में घातक हथियार और नक्सली सामग्री भी बरामद की है। इनमें एक एके-47 राइफल, 35 राउंड गोला-बारूद, 117 इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, बारूद, रेडियो उपकरण, चाकू और माओवादी प्रचार साहित्य शामिल हैं। यह जब्ती यह संकेत देती है कि हिडमा किसी बड़ी साजिश की तैयारी में था।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस संयुक्त अभियान को माओवादी नेटवर्क पर निर्णायक हमला बताया है और यह संकेत दिया है कि भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे। पुलिस का मानना है कि हिडमा की गिरफ्तारी से नक्सलियों के मनोबल को गहरा आघात लगा है और इससे क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
आत्मसमर्पण की बढ़ती प्रवृत्ति
इसी बीच, नक्सल प्रभावित इलाकों में आत्मसमर्पण की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। बीते सप्ताह सुकमा जिले में 5 महिलाओं समेत 14 नक्सलियों ने सीआरपीएफ कैंप में आत्मसमर्पण किया था। इन सभी पर कुल 16 लाख रुपये का इनाम घोषित था। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इन माओवादियों ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
इसके अलावा, नारायणपुर जिले में भी हाल ही में 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें एक जोनल डॉक्टर, डिप्टी कमांडर और एलओएस (लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वॉड) के सदस्य शामिल हैं। इन सभी ने कुतुल और इन्द्रावती एरिया कमेटी के तहत सक्रिय रूप से माओवादी गतिविधियों में भाग लिया था। वर्ष 2025 में अब तक नारायणपुर जिले में कुल 97 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं।