बिलासपुर, 01 जुलाई 2025। जिले में अवैध प्लाटिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सोमवार को आयोजित साप्ताहिक टीएल बैठक के दौरान एक अहम निर्णय लेते हुए अवैध कॉलोनियों और कच्ची प्लाटिंग की रजिस्ट्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश से बिलासपुर जिले में अब बिना स्वीकृति के की जा रही प्लाटिंग और उसकी रजिस्ट्री पर पूर्ण विराम लग गया है।
बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने साफ कहा कि अवैध रूप से विकसित कॉलोनियों को किसी भी स्तर पर प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नियमों को ताक पर रखकर की जा रही प्लाटिंग को चिन्हित किया जाए और संबंधित भूमि स्वामियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाए।
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग (टीपी एंड वीपी) से स्वीकृत नक्शे के बिना किसी भी प्लॉट की रजिस्ट्री अब नहीं की जाएगी। इसके लिए रजिस्ट्री कार्यालयों को भी अलर्ट कर दिया गया है। इस कदम से न सिर्फ अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी, बल्कि लोगों को ठगी से भी बचाया जा सकेगा।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से जनहित में है। अवैध कॉलोनियों में ना तो पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं होती हैं और ना ही वहां रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की सुरक्षा की गारंटी मिलती है। ऐसे क्षेत्रों में अक्सर पानी, सड़क, बिजली, ड्रेनेज जैसी समस्याएं सामने आती हैं, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता ऐसे मामलों में पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। आने वाले समय में अवैध कॉलोनियों की पहचान कर उन्हें सील करने की कार्रवाई भी हो सकती है।
निवेशकों और खरीदारों से अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों और जमीन खरीदने वालों से अपील की है कि वे प्लॉट खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि संबंधित कॉलोनी वैध है या नहीं। इसके लिए नगर निगम, नगर पंचायत या टीपी एंड वीपी कार्यालय से वैधता की पुष्टि की जा सकती है।