रायपुर, जुलाई 2025/
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को एक कड़ा और ऐतिहासिक संदेश दिया है – “अब नहीं चलेगी दोहरी ज़िंदगी!” सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सख्त अधिसूचना के अनुसार अब राज्य का कोई भी सरकारी कर्मचारी शेयर बाजार, क्रिप्टोकरेंसी, फ्यूचर-ऑप्शन या डेरिवेटिव ट्रेडिंग जैसे गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसे ‘अवचार’ यानी सेवा अनुशासन का उल्लंघन माना जाएगा।
यह फैसला सोमवार को राज्य के राजपत्र (क्रमांक 516) में प्रकाशित किया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बार-बार की जाने वाली इन्वेस्टमेंट गतिविधियाँ – चाहे वह इन्ट्राडे हो, BTST (Buy Today, Sell Tomorrow) हो, या क्रिप्टो ट्रेडिंग – अब शासकीय सेवा नियमों के खिलाफ हैं।
सरकारी नौकरी या जुआ – दोनों नहीं
राज्य शासन ने साफ किया है कि अब सरकारी सेवा में कोई “ट्रेडिंग महारथी”, “क्रिप्टो स्टार” या “ऑप्शन गुरु” बनने की कोशिश करेगा तो उसे सिर्फ नोटिस नहीं, बल्कि नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है, जो अब सभी विभागों, आयोगों, निगमों और अन्य शासकीय संस्थाओं में लागू होगा। साथ ही, इसका अंग्रेजी अनुवाद भी अनुच्छेद 348(3) के तहत राजपत्र में प्रकाशित किया गया है, जिससे इसका कानूनी बल और भी मज़बूत हो गया है।
फैसले के पीछे की…
सूत्रों के अनुसार यह फैसला एक लंबे समय से मिल रही खुफिया जानकारी और निगरानी के बाद लिया गया। सरकार के पास दर्जनभर ऐसे मामलों की रिपोर्ट है, जिनमें:
- कर्मचारी ऑफिस टाइम में मोबाइल पर ट्रेडिंग एप्स में व्यस्त पाए गए।
- कुछ अधिकारियों के क्रिप्टो पोर्टफोलियो में करोड़ों की संदिग्ध उछाल दर्ज की गई।
- इनसाइडर जानकारी के दुरुपयोग के गंभीर आरोप सामने आए।
- संदिग्ध मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी निवेश के संकेत मिले।
इन सभी मामलों ने सरकार को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर कर दिया कि अब सरकारी सेवा को बाजार की हवस और सट्टा प्रवृत्ति से अलग रखना ही सार्वजनिक हित में है।
क्या है अधिसूचना में साफ तौर पर?
नियम में जिन गतिविधियों को अब सेवा उल्लंघन घोषित किया गया है, वे इस प्रकार हैं:
- शेयर, म्युचुअल फंड, डिबेंचर्स और क्रिप्टो में बार-बार की जाने वाली खरीद-बिक्री
- इन्ट्राडे ट्रेडिंग, फ्यूचर-ऑप्शन, BTST
- असामान्य वित्तीय लेनदेन या अचानक पोर्टफोलियो में उछाल
- इनसाइडर ट्रेडिंग और सूचना दुरुपयोग की संभावना
अब ऐसे किसी भी मामले में विभागीय जांच, निलंबन, पदावनति या नौकरी से बर्खास्तगी की कार्यवाही संभव होगी। साथ ही आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग से समन्वय कर जांच कराई जाएगी।
दफ्तरों में हड़कंप, प्रतिक्रियाओं की बाढ़
सरकारी कार्यालयों में यह अधिसूचना दिनभर चर्चा का विषय रही। कई कर्मचारियों ने इसे निजी स्वतंत्रता पर प्रहार बताया, तो कुछ ने इसे “सुधार की दिशा में साहसी कदम” करार दिया।
एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा –
“सरकारी सेवा बाजार नहीं है, और कर्मचारी दलाल नहीं। यह निर्णय देर से लिया गया लेकिन बहुत जरूरी था। इस आदेश से एक नई कार्यसंस्कृति की शुरुआत होगी।”
नज़ीर बना छत्तीसगढ़, अब निगाहें अन्य राज्यों पर
छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है। यदि अन्य राज्य भी इसी दिशा में कदम उठाते हैं, तो यह देशभर की शासकीय सेवाओं को ‘बाजार के लोभ’ से मुक्त करने की दिशा में बड़ा बदलाव होगा।
यह केवल एक नियम नहीं, बल्कि सार्वजनिक प्रशासन की शुद्धिकरण प्रक्रिया का शंखनाद है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है –
अब “जनसेवक” और “पोर्टफोलियो मैनेजर” एक ही शरीर में नहीं चल सकते।
सरकारी सेवा का अर्थ है – समर्पण, अनुशासन और निष्पक्षता।
और शेयर बाजार, क्रिप्टो या डेरिवेटिव का अर्थ है – जोखिम, लाभ की ललक और सट्टा प्रवृत्ति।
दोनों में से एक ही रास्ता चुनना होगा।
अब छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवा सिर्फ सेवा होगी, कोई ट्रेडिंग नहीं – यही है नया नियम, नई दिशा और नया प्रशासनिक संदेश।