बिलासपुर, 7 जुलाई 2025। रायपुर रोड स्थित रामा वैली रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी ने एक बार फिर कॉलोनी में हुए कथित घोटालों को लेकर आवाज बुलंद की है। सोमवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में सोसाइटी के पदाधिकारियों ने बताया कि कॉलोनी के विकास के नाम पर शासकीय भूमि, तालाब और ग्रीनलैंड पर सुनियोजित कब्जा कर उसे बेचा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजर द्वारा सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
बिल्डर ने 14 एकड़ के सरकारी तालाब को बेच डाला?
समिति के सचिव पी.वी.आर. नायडू, उपाध्यक्ष सी.पी. शर्मा, मनोज गर्ग और शोभन दत्ता ने कहा कि कॉलोनी से लगे खसरा नंबर 55 और 56 की कुल 14 एकड़ शासकीय भूमि, जिसमें सरकारी तालाब भी शामिल है, को कॉलोनाइजर प्रकाश ग्वालानी द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचा गया है। राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन सरकारी दर्ज है, फिर भी इसे निजी संपत्ति बताकर प्लॉटिंग और विक्रय कर दिया गया।
ग्रीनलैंड में बना दिया व्यवसायिक परिसर और क्लब
उन्होंने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा स्वीकृत ले-आउट प्लान के खिलाफ जाकर कॉलोनी की ग्रीनलैंड में व्यवसायिक परिसर बना दिया गया। लगभग 57,000 वर्गफुट ग्रीन एरिया में 4 गार्डन बनने थे, परंतु केवल 20,000 वर्गफुट में गार्डन बने और बाकी लगभग 37,000 वर्गफुट भूमि पर अवैध दुकानों और पार्किंग का निर्माण कर उसे बेच दिया गया।
इसके अलावा 32,646 वर्गफुट के पार्क क्षेत्र में 12,000 वर्गफुट क्षेत्र में एक क्लब बना दिया गया है। समिति का कहना है कि यह निर्माण भी अवैध है और सोसाइटी को बिना किसी अनुमति के किया गया।
शासकीय भूमि को गिरवी रखने का आरोप
कॉलोनी में कोटवार को आबंटित 0.943 एकड़ की शासकीय भूमि को भी बैंक में गिरवी रखा गया है। समिति ने बताया कि उसमें से 19,200 स्क्वेयरफुट भूमि को कॉलोनाइजर ने अपने नाम बी-1 खसरा में दर्ज करवा लिया है, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है।
शिकायतों की अनदेखी, रिपोर्ट में शिकायतकर्ता को ही बना दिया दोषी
समिति ने बताया कि इस घोटाले की शिकायत कलेक्टर, निगम आयुक्त, एसडीएम और तहसीलदार से की गई थी। निगम आयुक्त कार्यालय से जांच कमेटी गठित भी की गई, लेकिन रिपोर्ट में शिकायतकर्ताओं को ही दोषी ठहराया गया। समिति ने इसे गंभीर लापरवाही और न्याय के साथ खिलवाड़ बताया।
शॉपिंग मॉल में ‘फावड़ा-फिनायल रखने की जगह’?
समिति पदाधिकारियों का आरोप है कि कॉलोनी में जो शॉपिंग मॉल बनाया गया है, उसमें 32 दुकानों का निर्माण कर व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। लेकिन रिकॉर्ड में इन दुकानों को मात्र फावड़ा, गैती और फिनायल रखने की जगह बताया गया है। उन्होंने इसे गंभीर धोखाधड़ी करार दिया।
मामले को निजी विवाद करार देना अनुचित – समिति
समिति पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि यह कोई व्यक्तिगत या आपसी विवाद नहीं है। मामला सीधे-सीधे शासकीय संपत्ति की हेरा-फेरी से जुड़ा है। यह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि शासन की संपत्ति पर अतिक्रमण भी है। उन्होंने मांग की है कि रामा वैली कॉलोनी की पूरी जमीन का सीमांकन कराया जाए और जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।