बिलासपुर।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। जहां कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी करने जा रही है, वहीं भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के बचाव का प्रयास करार दिया है।
कांग्रेस की ओर से घोषित आर्थिक नाकेबंदी को लेकर आज बिलासपुर कांग्रेस भवन में रणनीतिक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रभारी और कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने की, जिन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस अभियान की जिम्मेदारी सौंपी। अटल श्रीवास्तव ने कहा कि ईडी की कार्रवाई सीधे-सीधे विपक्ष को दबाने की साजिश है और यह लोकतंत्र पर हमला है। कांग्रेस इस अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी।
अमर अग्रवाल का पलटवार
वहीं दूसरी ओर भाजपा के पूर्व मंत्री और नगर विधायक अमर अग्रवाल ने कांग्रेस के इस आंदोलन पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने कहा, “पूरा प्रदेश आश्चर्यचकित है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा, जो किसी सरकारी पद पर नहीं है, उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूरी कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतर रही है।”
उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि अगर कोई अपराध में संलिप्त होगा, तो क्या कांग्रेस उसके समर्थन में आंदोलन करेगी? अमर अग्रवाल ने भूपेश बघेल पर आरोप लगाया कि वे तमनार के मुद्दे को लेकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में पेड़ों की कटाई के लिए पर्यावरणीय मंजूरी किस सरकार ने दी, इसका जवाब भूपेश बघेल को देना चाहिए।
अमर ने चैतन्य बघेल को लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उसे बीते पांच वर्षों में 11 करोड़ रुपये मिले हैं और यह मामला 32 करोड़ का नहीं बल्कि करीब 5 हजार करोड़ का बड़ा घोटाला हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “अपने कार्यकाल में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं पार कर दी हैं।”
राजनैतिक रणभूमि तैयार
ईडी की कार्रवाई और कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बीच प्रदेश की राजनीति एक बार फिर दो ध्रुवों में बंटी दिख रही है। एक तरफ कांग्रेस इसे लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज़ कुचलने की कोशिश बता रही है, वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार की जांच का स्वाभाविक कदम मान रही है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि आगामी दिनों में प्रदेश की राजनीति और भी तेज होगी। चैतन्य बघेल के खिलाफ जांच कितनी आगे बढ़ती है और कांग्रेस का विरोध किस रूप में सामने आता है, इस पर प्रदेश की सियासत काफी हद तक निर्भर करेगी।