बिलासपुर, 29 जुलाई 2025:
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा मवेशियों की वजह से हो रही दुर्घटनाओं और जनहानि को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। बिल्हा उपखंड के अनुविभागीय दण्डाधिकारी (SDM) धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर ने एक सख्त आदेश जारी करते हुए पशुपालकों को सार्वजनिक सड़कों पर मवेशी छोड़ने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
यह आदेश 28 जुलाई 2025 से प्रभावी हो गया है और इसके तहत विशेष निगरानी अभियान भी चलाया जाएगा। प्रशासन ने इसे माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित जनहित याचिका WP (PIL) 58/2019 के निर्देशों और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से एक आवश्यक कदम बताया है।
बिलासपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रमुख सड़कों पर आवारा मवेशियों की उपस्थिति के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई हादसे जानलेवा साबित हुए हैं, जिससे आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ी है। इसके अलावा, मवेशियों के कारण यातायात में रुकावटें और सामाजिक अव्यवस्था की स्थिति भी बन रही है।
आदेश के प्रमुख प्रावधान:
- सार्वजनिक सड़कों पर छोड़े गए मवेशियों से होने वाली दुर्घटनाएं अब गंभीर अपराध की श्रेणी में आएंगी।
- जो पशुपालक अपने मवेशियों को सड़क पर छोड़ते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता 2023 की धारा 291,
छत्तीसगढ़ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 3 एवं 11(1) और
नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। - यह आदेश 28 जुलाई 2025 से लागू है और थानों को आदेश की प्रति भेज दी गई है ताकि तत्काल प्रभाव से कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
- आदेश के उल्लंघन पर सीधे दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश को लागू करने का मुख्य उद्देश्य आम लोगों और मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, सड़कों पर यातायात व्यवस्था सुचारू बनाना और सार्वजनिक जीवन में आने वाले व्यवधानों को कम करना भी प्रशासन की प्राथमिकता है।
SDM धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर ने स्पष्ट कहा कि, “अब लापरवाही नहीं चलेगी। जो पशुपालक मवेशियों को सड़कों पर छोड़ते हैं, वे न केवल नियम तोड़ रहे हैं, बल्कि आम लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं।”
जनहित में चेतावनी:
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और अपने पशुओं की देखरेख स्वयं करें। यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, गिरफ्तारी और पशुओं को जब्त करने तक की कार्रवाई संभव है।