बिलासपुर। दुर्ग में हाल ही में घटी घटना को लेकर छत्तीसगढ़ की संवैधानिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक इंडियन कॉफी हाउस में सर्वदलीय एवं जन संगठनों के संयुक्त मोर्चे के बैनर तले संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता मोर्चे के संयोजक रवि बनर्जी ने की।
बैठक की शुरुआत वरिष्ठ किसान नेता कामरेड नंद कश्यप ने की, जिन्होंने दुर्ग में बजरंग दल द्वारा की गई कथित घेराव और दबाव की घटना का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस तरह दबाव बनाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई और बाद में गिरफ्तार की गई ननों के समर्थन में देश भर से सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न दलों के नेता पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि ननों को भले ही सशर्त जमानत मिल गई हो, लेकिन इस पूरी घटना ने राज्य की संवैधानिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
बैठक में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि छत्तीसगढ़ में नागरिक स्वतंत्रता, धार्मिक सहिष्णुता और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार खतरे में हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पवन शर्मा, कांग्रेस के राकेश शर्मा, सीपीआईएमएल के लल्लन राम, मसीह समाज से एडवर्ड मसीह, एडवोकेट शौकत अली, आर. मुखोपाध्याय और अन्य वक्ताओं ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीतिक हित साधने की कोशिश की जा रही है।
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इंडिया गठबंधन और संयुक्त मोर्चा मिलकर प्रदेश भर में जनता के बीच जाएंगे और छत्तीसगढ़ में हो रहे घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखेंगे। वक्ताओं ने मसीह समाज और मुस्लिम समाज से भी आह्वान किया कि वे आगे आकर इस प्रकार की घटनाओं के विरुद्ध मुखर हों।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक रवि बनर्जी ने बैठक के समापन पर घोषणा की कि आगामी 11 अगस्त को बिलासपुर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें छत्तीसगढ़ में सभी धर्मों के लोगों को समानता और सुरक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि ज्ञापन कार्यक्रम के बाद पुनः बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आगामी आंदोलनात्मक रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
बैठक में प्रमुख रूप से कामरेड संतोष कुमार जैन, एचडी पाईन, अभय नारायण राय, एडवोकेट शौकत अली सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक नेता और नागरिक समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।