Wednesday, November 12, 2025
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ट्रेन मैनेजरों की दशकों पुरानी मांगें अब भी अधूरी— ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल ने रेल मंत्रालय से की तत्काल हस्तक्षेप की अपील…

बिलासपुर।
भारतीय रेल के ट्रेन मैनेजर (गार्ड) लंबे समय से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल (AIGC) ने एक बार फिर रेल मंत्रालय से पत्र के माध्यम से अपनी नौ प्रमुख मांगों पर शीघ्र और न्यायसंगत कार्रवाई की अपील की है। काउंसिल ने कहा कि इन शिकायतों में से कुछ लगभग दो दशकों से अनसुलझी हैं, जिसके चलते ट्रेन मैनेजरों का मनोबल प्रभावित हुआ है और उन्हें व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है।

काउंसिल ने मंत्रालय से अनुरोध किया है कि प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप करते हुए इन लंबित मांगों का समाधान सुनिश्चित करे।


1. 8वें वेतन आयोग के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग

काउंसिल ने कहा है कि वित्त मंत्रालय द्वारा 3 नवंबर 2025 को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की अधिसूचना जारी की जा चुकी है, लेकिन इसके प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक मंत्रालयिक और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति तथा कार्यालय स्थान अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। परिषद ने मांग की है कि इसका शीघ्र प्रावधान सुनिश्चित किया जाए।


2. “असिस्टेंट गार्ड” के गैर-मौजूद पद को रिकॉर्ड से हटाने की मांग

काउंसिल ने बताया कि 2006 में पार्सल स्पेस लीजिंग योजना शुरू होने के बाद सहायक गार्ड का पद अप्रासंगिक हो चुका है। 2012 में रेलवे बोर्ड ने भी ऐसे पदों को समर्पित करने का निर्देश दिया था, फिर भी यह पद आधिकारिक अभिलेखों में बना हुआ है। परिषद ने इसे तत्काल रिकॉर्ड से हटाने की मांग की है।


3. ट्रेन मैनेजरों के लिए उचित वेतन स्तर

पिछले 20 वर्षों से ट्रेन मैनेजर अपने वेतनमान के पुनर्निर्धारण की मांग कर रहे हैं। काउंसिल ने अनुरोध किया है कि गुड्स गार्ड के प्रवेश स्तर का वेतन ₹4600 ग्रेड पे, सीनियर गुड्स गार्ड का ₹4800, पैसेंजर ग्रेड का ₹5400 और मेल/एक्सप्रेस ग्रेड में आनुपातिक वृद्धि की जाए।


4. एमएसीपी (MACP) का लाभ सुनिश्चित किया जाए

काउंसिल ने कहा कि एमएसीपी से संबंधित रेलवे बोर्ड के पुराने आदेश (RBE 101/2009 व RBE 25/2011) न्यायिक समीक्षा में अमान्य पाए गए हैं, इसलिए ट्रेन मैनेजरों को तुरंत एमएसीपी का लाभ दिया जाना चाहिए।


5. रनिंग अलाउंस में 25% वृद्धि

जहां अन्य सभी भत्तों में 25% वृद्धि की जा चुकी है, वहीं रनिंग अलाउंस (जिसमें TA घटक शामिल है) में यह वृद्धि लागू नहीं की गई। काउंसिल ने इसे “पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण” बताया है और तत्काल 25% वृद्धि की मांग की है।


6. वाहनों की सुरक्षा संबंधी विवादित जेपीओ को रद्द करने की मांग

काउंसिल ने 24 जनवरी 2025 को जारी रेलवे बोर्ड के जॉइंट प्रोसीजर ऑर्डर (JPO) को असुरक्षित और परंपरागत प्रथाओं के विरुद्ध बताया है। परिषद ने इसे निरस्त कर 13 नवंबर 2024 को जारी जेपीओ को पुनः लागू करने की अपील की है।


7. 28% रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए

काउंसिल ने कहा कि भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजरों के लगभग 28% पद रिक्त हैं, जिससे कार्य का दबाव बढ़ गया है और कर्मचारियों को लंबे समय तक लगातार ड्यूटी करनी पड़ रही है। कई ट्रेन मैनेजर अपने सामाजिक दायित्वों, त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों से भी वंचित हो रहे हैं। परिषद ने इन रिक्तियों को युद्धस्तर पर भरने की मांग की है।


8. पेंशन नियमों की समीक्षा और समानता की मांग

डी.एस. नकरा बनाम भारत संघ (1983) के सुप्रीम कोर्ट निर्णय का हवाला देते हुए काउंसिल ने कहा कि पेंशन सेवा से अर्जित अधिकार है, न कि विवेकाधीन लाभ। इसलिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के उन प्रावधानों को समाप्त किया जाए जो पेंशनरों के साथ असमान व्यवहार करते हैं।


9. रनिंग अलाउंस पर आयकर छूट सीमा बढ़ाने की मांग

रनिंग स्टाफ को प्रतिदिन की ड्यूटी के बदले मिलने वाले रनिंग अलाउंस पर मौजूदा ₹10,000 की आयकर छूट सीमा को ₹50,000 तक बढ़ाने की मांग की गई है। काउंसिल का कहना है कि बढ़ती महंगाई और संशोधित भत्तों के बावजूद यह सीमा वर्षों से अपरिवर्तित है।


“मनोबल बढ़ेगा

ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल ने अपने पत्र में कहा है कि इन मांगों पर समयबद्ध और संवेदनशील कार्रवाई न केवल ट्रेन मैनेजरों के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि प्रशासन की निष्पक्षता और जवाबदेही में भी विश्वास को मजबूत करेगी। परिषद ने उम्मीद जताई है कि मंत्रालय इन मुद्दों पर सकारात्मक और शीघ्र निर्णय लेगा।

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