बिलासपुर। कोतवाली थाने के सामने संचालित गुमटी व्यापारियों की रोती बिलखती चीखों के बीच नगर निगम ने सभी गुमटियों को उजाड़ डाला। कार्यवाई के दौरान व्यापारियों और निगम अमले के बीच हल्की झूमा झपटी भी हुई।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेशानुसार कोतवाली थाने के सामने संचालित 49 गुमटियों को हटाया जाना था जिसका पालन करते हुए नगर निगम के अतिक्रमण अमले ने आज कोतवाली थाना पहुंच गुमटियों को हटाने की कार्यवाई शुरू कर दी जिसका गुमटी व्यापारी संघ द्वारा भरपूर विरोध किया गया व्यापारियों के विरोध को देखते हुए निगम के अतिक्रमण अमले द्वारा पुलिस की सहायता लेनी पड़ी। पुलिस बल की उपस्तिथि में नगर निगम ने विरोधी स्वर के बीच गुमटियों को बेतरतीब तरीके से तोड़ने की कार्यवाई करने में कामयाबी मिल गई। जबकि एक दिन पहले ही कोतवाली के गुमटी व्यापारी संघ के द्वारा अपने परिवार और बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट जनदर्शन में व्यवसायिक जगह के लिए गुहार लगाई थी।
35 वर्षो से गुमटी में व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण करने वाले व्यापारियों ने जिला प्रशासन को कोतवाली थाने में ही व्यावसायिक जगह देने निवेदन किया था। परन्तु मामले में उच्च न्यायालय ने बिलासपुर नगर निगम को कोतवाली क्षेत्र से गुमटी हटाने एवं गुमटी व्यापारियों को व्यवसाय करने के लिए उचित स्थान दिए जाने का आदेशित दिया था। शहर की यातायात की समस्या के निदान के लिए कोतवाली थाने के सामने संचालित गुमटियों को हटाया जाने एवं गुमटी व्यापारियों को अन्य स्थान उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन मामले में ऐसा कुछ नही हुआ तथा नगर निगम को आगामी गुरुवार तक संबंधित मामले की रिपोर्ट न्यायालय को सौपनी थी जिसके चलते आज नगर निगम ने गुमटियों को तोड़ने की कार्यवाई करना पड़ा। निगम कार्यवाई के दौरान गुमटी व्यापारियों के आंखों में आँशु और जबान पर ऊपरवाले के नामो की पुकार देखने मिली। गुमटी व्यापारी अपने अपने रोजगार और परिवार के भरण पोषण को किस तरह से पूरी करेंगे जिसकी चिंता बार बार उनके मुख से करुण स्वर में निकलती रही थी। अब देखने वाली बात यह होगी की नगर निगम सभी 49 व्यापारियों को कबतक जगह उपलब्ध कराएगी।