बिलासपुर। अरपा-भैंसाझार बैराज के डूबान क्षेत्र में रह रहे बीस परिवारों के सफल विस्थापन ने इस इलाके की तस्वीर बदलकर रख दी है। इनके विस्थापन के बाद ही 27 किलोमीटर लंबी नहर का परीक्षण के लिये खोलना संभव हुआ। मॉनसून में कम बारिश के दौरान नहर किनारे स्थित 102 गांवों के किसानों के लिये ये परीक्षण किसी वरदान से कम नहीं है। इन गांवों के किसान नहर से पानी लेकर खेतों में भरपूर सिंचाई कर पा रहे हैं। नहर के पानी बरबाद ना होने पाये इसके लिये सिंचाई विभाग द्वारा दोनों ओर के गांवों में स्थित तालाबों को भी भरा जा रहा है। कोपरा स्थित बांध भी नहरों से भर दिया गया है जो काफी समय से खाली पड़ा था। इससे कोपरा के किसान कम बारिश में पर्याप्त सिंचाई कर पा रहे हैं।
विस्थापन ना हो पाना बन रहा था रोड़ा – सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा कलेक्टर डॉ. संजय अलंग को जानकारी दी गयी कि डूबान क्षेत्र उमरमरा गांव के 20 परिवारों का विस्थापन ना हो पाने की वजह से बैराज को नहीं भर पा रहे हैं और ना ही नहर का परीक्षण हो पा रहा है। कलेक्टर डॉ. अलंग के निर्देश पर एक सप्ताह के अंदर 20 जून तक सभी को मुआवजे का वितरण कर दिया गया। इसके बाद 30 जून तक सभी 20 परिवार को वहां से विस्थापित किया गया।
विस्थापितों को मुआवजे के साथ दी गयीं सुविधाएं- विस्थापित 20 परिवारों को कुल 39 लाख का मुआवजा वितरित किया गया और कलेक्टर के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने प्रत्येक परिवार को 50 हजार रूपये परिवहन भत्ता भी दिया। इसके अलावा विभाग की तरफ से विस्तापितों को बसाने के लिये नजदीक के नवापारा गांव में 20 प्लॉट उपलब्ध कराये गये हैं, निस्तारी तालाब, बिजली, सड़क निर्माण, राशन दुकान, कम्युनिटी हॉल बनाकर तैयार कर दिया गया है।
सिंचाई की जरूरत ना होने पर भर रहे तालाब- जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि नहर का परीक्षण दोहरा लाभ दे रहा है। बारिश ना होने पर किसान नहर से पानी लेकर सिंचाई कर रहे हैं। बारिश होने पर नहर के द्वारा आस-पास के खाली पड़े तालाबों को भरा जा रहा है। अभी तक नहर किनारे स्थित 10 तालाबों को पेयजल और निस्तारी के लिये भरा जा चुका है। इसके अलावा सिंचाई के लिये 4 तालाब भरे जा चुके हैं। नहर किनारे स्थित 102 गांवों की लगभग डेढ़ लाख की आबादी नहर परीक्षण का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।
ये है अरपा-भैंसाझार परियोजना
परियोजना कोटा विकासखंड के ग्राम भैंसाझार के समीप अरपा नदी पर स्थित है। इस परियोजना से जिले के तीन विकासखंडों कोटा, तखतपुर और बिल्हा के 102 गांवों के कुल 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के बैराज का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। बैराज में अधिकतम जलभराव स्तर 302 मीटर है। परियोजना की मुख्य नहर की लंबाई 56.64 किलोमीटर है जिसका अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 10 जुलाई 2019 से 27 किलोमीटर नहर का परीक्षण शुरू कर दिया गया है।