Monday, December 23, 2024
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चंद्रयान-2 / विक्रम की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई, नासा ने लैंडिंग साइट की तस्वीरें जारी कीं

7 सितंबर को चांद की सतह छूने से सिर्फ 2.1 किमी पहले लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था

9 सितंबर को इसरो ने दावा किया था- लैंडिंग के दौरान विक्रम गिरकर तिरछा हो गया है, लेकिन टूटा नहीं

नासा दक्षिणी ध्रुव से अंधेरा छंटने के बाद अपने ऑर्बिटर से विक्रम की लोकेशन जानने की कोशिश करेगा

न्यूयॉर्क. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्रवार को चंद्रयान-2 पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई। एजेंसी ने उस जगह की कुछ तस्वीरें भी जारी कीं, जहां विक्रम की लैंडिंग होनी थी। हालांकि, विक्रम कहां गिरा इस बारे में पता नहीं चला पाया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद पर रात हो चुकी है, इसके चलते ज्यादातर सतह पर सिर्फ परछाइयां ही दिखाई दे रही हैं। ऐसे में हो सकता है कि लैंडर किसी परछाई में छिप गया हो।

नासा अक्टूबर में दक्षिणी ध्रुव से अंधेरा छंटने के बाद एक बार फिर अपने लूनर रिकॉनेसा ऑर्बिटर (एलआरओ) के कैमरे से विक्रम की लोकेशन जानने और उसकी तस्वीर लेने की कोशिश करेगा। पहले भी एजेंसी ऐसी कोशिशें कर चुकी है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।

सतह पर गिरकर तिरछा हो गया था विक्रम लैंडर

इससे पहले इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि लैंडिंग के दौरान विक्रम गिरकर तिरछा हो गया है, लेकिन टूटा नहीं है। इसरो ने लैंडर से 21 सितंबर तक संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद दक्षिणी ध्रुव पर अंधेरा छा गया।

लैंडर न मिलने के बाद नासा ने बढ़ाया था इसरो का हौसला
इससे पहले नासा ने चंद्रयान-2 को लेकर ट्वीट किया था। उसने लिखा, “अंतरिक्ष कठिन है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 को उतारने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपने हमें प्रेरित किया है और भविष्य में हम सौर मंडल का पता लगाने के लिए साथ काम करेंगे।”

2.1 किमी पहले विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया
इससे पहले इसरो ने 7 सितंबर को बताया था कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से 2.1 किमी पहले विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया। विक्रम 2 सितंबर को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से अलग हुआ था। इस मिशन को 22 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

लैंडर से संपर्क नहीं हुआ, लेकिन ऑर्बिटर बेहतरीन काम कर रहा है: इसरो
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चेयरमैन के. सिवन का कहना है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छे से काम कर रहा है, हालांकि लैंडर ‘विक्रम’ के साथ किसी तरह का संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। उन्होंने ये भी बताया कि लैंडर के साथ हुई गड़बड़ी का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की एक समिति विश्लेषण कर रही है। जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही अंतरिक्ष एजेंसी अपने आगे की योजना पर काम शुरू करेगी।

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