ईडी ने पवार से कहा था- पूछताछ के लिए दफ्तर न आएं; शिवसेना बोली- राजनीति के भीष्म पितामह के साथ गलत हुआ
ईडी ने कहा कि जब जरूरी होगा, तब दफ्तर बुलाने के लिए सूचना दी जाएगी
कोल्हापुर, बारामती और हिंगोली में राकांपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और चक्काजाम किया, बाजार भी बंद रहे
मुंबई. बैंक घोटाले में केस के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर जाने का फैसला किया था। हालांकि ईडी की ओर से उन्हें पेशी का नोटिस नहीं दिया गया। पवार का कहना था कि वह बैंक घोटाले में एफआईआर के खिलाफ ईडी दफ्तर जाकर अपना पक्ष रखेंगे। ईडी ने कहा कि उन्हें दफ्तर में आने की इजाजत नहीं होगी। ईडी ने पवार को ई-मेल भेजा, जिसमें कहा गया कि वे आज ईडी के दफ्तर न आएं लेकिन पवार ईडी दफ्तर जाने पर अड़े रहे।
इस बीच मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे ने पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की और उनसे ईडी दफ्तर न जाने की अपील की। पवार ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां उनके साथ हैं और बैंक घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, मैं नहीं चाहता कि कानून व्यवस्था खराब हो, इसलिए ईडी दफ्तर नहीं जाने का फैसला किया।
पवार की पेशी से पहले उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे के आसार को देखते हुए पवार ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वे ईडी के दफ्तर के सामने न जुटें। हालांकि बलार्ड एस्टेट (ईडी के दफ्तर) के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई।
पवार को मिला शिवसेना का साथ
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘पवार राजनीति के भीष्म पितामह हैं। उनके साथ गलत किया गया। महाराष्ट्र में पहले कभी भी बदले की राजनीति नहीं हुई। शरद पवार ने महाराष्ट्र और कृषि क्षेत्र में बहुत काम किया है। पवार से हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन मैं ये कहूंगा कि ईडी ने उनके साथ ठीक नहीं किया। इस घोटाले को लेकर विधानसभा में चर्चा हुई थी, तब उनका नाम नहीं था। ईडी आज भगवान से भी बड़ा हो गया है? भगवान माफ कर सकता है, लेकिन ईडी नहीं।’’
‘ये मौकापरस्त राजनीति’
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार की बदले की राजनीति का ताजा उदाहरण शरद पवार जी है। राज्य में चुनाव से ऐन पहले इस तरह की कार्रवाई मौकापरस्त राजनीति की तरफ इशारा करती है।’’
राकांपा के कार्यकर्ताओं का विरोध
कोल्हापुर, बारामती और हिंगोली में राकांपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और चक्काजाम किया। बारामती में अधिकांश मार्केट बंद रहे। कुछ राकांपा कार्यकर्ता विरोध जताने ईडी दफ्तर के पास भी पहुंचे।
अन्ना बोले- मेरे सबूतों में नहीं था पवार का नाम
बैंक घोटाले में नाम आने के बाद पवार के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजार ने उन्हें क्लीन चिट दी है। अन्ना ने गुरुवार को कहा कि मैंने जो सबूत दिए हैं उसमें पवार का नाम नहीं है। अन्ना ने ये भी कहा कि ईडी ने किस आधार पर उनका नाम लिया है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई हो।
क्या है मामला?
घोटाले के संबंध में की गई शिकायत में राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित के अलावा पार्टी नेता हसन मुश्रीफ और कांग्रेस नेता मधुकर चव्हाण के अलावा बैंक के अलग-अलग जिलों की शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के भी नाम हैं। शिकायत में दावा किया गया है कि 2007 से 2011 के बीच बैंक को करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मामले को लेकर नाबार्ड और महाराष्ट्र सहकारिता विभाग की ओर से दायर की गई रिपोर्ट में बैंक को हुए नुकसान के लिए अजित पवार और बैंक के दूसरे निदेशकों को जिम्मेदार ठहराया गया है।