समझाइश के बाद भी इलाज करने तैयार नहीं डॉक्टर्स, कृष्णा नेत्रालय को नोटिस
बिलासपुर 28 मार्च। मरीज स्मार्ट कार्ड से इलाज कराने से वंचित हो गए हैं। समझाइश के बाद भी डॉक्टर नहीं मान रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को जारी 65 मास्टर कार्ड को राज्य शासन को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। यदि ऐसा होता है तो जिले में स्मार्ट कार्ड से इलाज की सुविधा फिर से बहाल कराने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरनी पड़ेगी।
स्वास्थ्य विभाग ने बिलासपुर जिले क 66 अस्पताल और नर्सिंग होम को स्मार्ट कार्ड से इलाज करने की अनुमति दी थी। अलग-अलग अस्पतालों से अलग-अलग बीमारी का इलाज करने का अनुबंध हुआ था। मामूली बीमारी से लेकर गंभीर मर्ज का इलाज गरीब मरीज इन अस्पतालों में कराते आए हैं। इसके एवज में अस्पताल प्रबंधन को राज्य शासन से राशि का भुगतान हुआ है। स्मार्ट कार्ड की सुविधा होने से गरीब मरीजों को इलाज कराने में दिक्कतें नहीं होती थीं। बीते 12 मार्च से बिलासपुर जिले के डॉक्टरों ने स्मार्ट कार्ड से इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका तर्क है कि इलाज के बाद उनका भुगतान रोक दिया जाता है। भुगतान की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उसे पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा सरकार अब ग्रेडेशन तय करने जा रही है। इससे उन्हें काफी नुकसान होगा। इन सब कारणों का हवाला देते हुए 65 अस्पताल प्रबंधन ने राज्य शासन से जारी मास्टर कार्ड को सीएमएचओ डॉ. बीबी बोर्डे को सौंप दिया है। अचानक स्मार्ट कार्ड से इलाज की सुविधा समाप्त होने से गरीब मरीज परेशान हो गए हैं। दूसरी ओर, सीएमएचओ डॉ. बोर्डे ने स्मार्ट कार्ड से इलाज शुरू करने के लिए डॉक्टरों को कई बार समझाइश दी, पर इसका कोई असर नहीं हुआ। 16 दिनों से जिले में स्मार्ट कार्ड से इलाज की सुविधा बंद होने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग मास्टर कार्ड को नोडल अधिकारी को सौंपने की तैयारी पूरी कर ली है।
कृष्णा नेत्रालय को नोटिस
लिंक रोड स्थित कृष्णा नेत्रालय को भी स्मार्ट कार्ड से इलाज करने की अनुमति मिली थी। उन्हें भी मास्टर कार्ड जारी हुआ है, जिससे स्मार्ट कार्ड को स्वीप कर बिल बनाया जाता है। अन्य 65 मास्टर कार्ड जमा होने के बाद भी कृष्णा नेत्रालय ने अपना मास्टर कार्ड जमा नहीं किया है, जबकि राज्य शासन ने कृष्णा नेत्रालय में स्मार्ट कार्ड के उपयोग पर बैन लगा दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ डॉ. बोर्डे ने कृष्णा नेत्रालय को नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यदि जल्द ही मास्टर कार्ड जमा नहीं किया गया तो उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
डॉक्टर्स मान नहीं रहे
सीएमएचओ डॉ. बोर्डे का कहना है कि स्मार्ट कार्ड से इलाज करने के लिए डॉक्टर्स कई शर्त रख रहे हैं, जिससे मानना संभव नहीं है। उन्होंने 12 मार्च को मास्टर कार्ड जमा किया था। समझाइश के बाद भी डॉक्टर इलाज करने को राजी नहीं हो रहे हैं। इसलिए मास्टर कार्ड को शासन को सौंपा जाएगा।