चीन ने सोमवार को नाबालिगों के टैटू बनवाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। अब इस कम्युनिस्ट देश में 18 साल से उम्र के बच्चे और किशोर अपने शरीर पर किसी तरह का टैटू नहीं बनवा सकेंगे। चीन के सिविल अफेयर्स मिनिस्टरी ने इस बात की घोषणा की है। शी जिनपिंग सरकार ने सिर्फ आगे से इस फैसले पर अमल करने की बात नहीं कही है, बल्कि उसने यह भी कहा कि अगर कोई पहले से टैटू बनवा चुका है और इस आदेश के बाद हटाना चाहता है तो उसे इसके लिए मेडिकल गाइडेंस भी दी जाएगी।
चीन में नाबालिगों के टैटू पर लगा प्रतिबंध
चीन ने सोमवार को एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए 18 साल से कम उम्र के सभी नाबालिगों के टैटू बनवाने पर पाबंदी लगा दी है। चीन की सरकार ने आम लोगों और स्कूलों से भी कहा है कि इस तरह के काम को रोकें। शी जिनपिंग की सरकार ने टैटू आर्टिस्ट और टैटू शॉप को सख्त हिदायत दी है कि यदि कोई नाबालिगों को टैटू बनाते नजर आएगा तो उन्हें कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाएगी। चीन की सरकारी मीडिया ने सिविल अफेयर्स मिनिस्टरी के बयान के हवाले से बताया है।
टैटू पर पाबंदी से पहले बनाया सख्त नियम
चीन सरकार के बयान में कहा गया है कि जो बच्चे पहले से अपने शरीर पर टैटू बनवा चुके हैं और वह अब उसे हटाना चाहते हैं तो उन्हें स्वास्थ्य सहायता भी दी जाएगी। यह कदम पर्सनल गवर्नेंस ऑफ माइनर्स के तहत लिया गया है। इसके लिए चीन की कैबिनेट ने कई सरकारी विभागों, विशेष रूप से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की यूथ लीग और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ रेडियो, फिल्म और टेलीविजन की सलाह पर नियमों का पूरा सेट डिजाइन किया हुआ है। मंत्रालय ने फैसले से पहले सीपीसी के प्रोपेगेंडा डिपार्टमेंट, सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट, पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्ट्री और हेल्थ मिनिस्ट्री से भी सहमति ली है।
ड्रैगन ने फैसले के पीछे दी ‘अजीबोगरीब’ दलील
चीन ने अपने इस सख्त कदम के पीछे जो दलील दी है, वह ‘फ्री स्पीच’ वाले जमाने में हजम होना मुश्किल है। चीन का कहना है कि अगर 18 साल से कम उम्र के बच्चे अपने शरीर पर टैटू बनवाते हैं तो यह ‘समाजवाद के मौलिक मूल्यों’ के खिलाफ है। चीन में जिस प्रावधान के तहत यह फैसला लिया गया है, उसके मुताबिक ‘राज्य, समाज, स्कूल और परिवारों को नाबालिकों को शिक्षित करना चाहिए और समाजवाद के मौलिक मूल्यों की स्थापना और इस्तेमाल में नाबालिगों की मदद करनी चाहिए। ताकि वे टैटू से होने वाले नुकसान के बारे में समझें और इसको लेकर उनकी जागरूकता बढ़ाएं, ताकि वे स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकें और तर्क संगत आधार पर टैटू लगवाने से मना कर दें। ‘
सबसे पहले शंघाई से शुरू हुई सख्ती
चीन की सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि कोई भी ‘उद्यम, संगठन या व्यक्ति नाबालिगों को टैटू सेवा नहीं देगा और नाबालिगों को टैटू बनवाने के लिए मजबूर, प्रेरित या उकसाने की कोशिश नहीं करेगा।’ इस नियम के तहत टैटू पार्लर को उनसे पहचान मांगनी है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की पहले की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के फाइनेंशियल हब शंघाई में सबसे पहले 18 साल से कम के बच्चों की कॉस्मेटिक सर्जरी या टैटू पर 1 मार्च से सख्ती शुरू की गई थी। शंघाई की सरकार ने कहा था कि बिना अभिभावकों की मंजूरी के 18 साल से कम उम्र के लोगों की कॉस्मेटिक सर्जरी प्रतिबंधित रहेगी। इसमें भी नाबालिगों के टैटू पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी।
सेलिब्रिटीज को भी सीपीसी दे चुकी है हिदायत
लेकिन, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की टैटू-विरोधी यह मुहिम सिर्फ नाबालिगों के खिलाफ ही नहीं है। वह इसके लिए मनोरंजन करने वालों, खिलाड़ियों और सेलिब्रिटीज को भी निशाना बनाती है। पिछले दिसंबर में चीन के नेशनल फुटबॉल टीम से कहा था कि या तो टैटू को ढंक कर रखें या फिर उसे हटवाकर ‘समाज में एक अच्छा उदाहरण’ पेश करें।
टैटू के खिलाफ काफी समय से सीपीसी चला रही है अभियान
जिन कलाकारों ने शौक से टैटू बनवा रखा है, उन्हें चीन के सरकारी टेलीविजनों पर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है। चीन के गांसू प्रांत की राजधानी में तो टैक्सी ड्राइवरों को भी टैटू हटाने के लिए कहा जा चुका है। चीन सरकार ने 2018 में ही टैटू वाले हिप-हॉप कलाकारों को टीवी पर आने से मना कर दिया था। टैटू के खिलाफ सीपीसी का अभियान लगातार जारी है और अब आकर बच्चों पर इस तरह की पाबंदी लगाई गई है।