छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सरकारी डॉक्टरों ने कलेक्टर और एसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिविल सर्जन को हटाने को लेकर डॉक्टरों में भारी आक्रोश है। नाराज डॉक्टरों ने ओपीडी सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया है। जिला अस्पताल की ओपीडी में ताला जड़ दिया है। काम बंद कर डॉक्टर सहित पूरा जिला अस्पताल का स्टाफ सीएमएचओ दफ्तर के सामने जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य स्टाफ के अस्पताल से बाहर निकलने के कारण मरीजों को की परेशानी बढ़ गई है। नाराज डॉक्टर सीएम भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मिलने की बात भी कह रहे हैं।
दरअसल, जिले में एक नवविवाहिता की 5 दिन पुरानी लाश के पोस्टमार्टम को लेकर कलेक्टर और एसपी ने डाक्टरों पर दबाव बनाया। पोस्टमार्टम नहीं करने पर सिविल सर्जन ड. यूएल कौशिक को कलेक्टर ने हटा दिया गया। डॉक्टर को हटाने की जानकारी मिलते ही शनिवार को अस्पताल के सभी डॉक्टर और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवाएं ठप है। ओपीडी बंद होने से पंजीयन भी नहीं हो रहा है। आरएमओ डॉ. राकेश सोनी ने बताया कि नवविवाहिता की सड़ी गली लाश केरेगांव थाना क्षेत्र से पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। लाश का पोस्टमार्टम यहां संभव नहीं था। इधर कलेक्टर पीएस एल्मा का कहना है कि पोस्टमार्टम को लेकर कोई बात ही नहीं है। अस्पताल से संबंधित कार्यों को नहीं कराने व देरी पर उन्हें हटाया गया है।
CMHO दफ्तर के बाहर खड़े डॉक्टर और स्टाफ
डॉक्टरों ने बताया कि 5 डाक्टरों की टीम बनाई गई थी, लेकिन फॉरेंसिंग एक्सपर्ट की टीम नहीं होने के कारण शव को मेकाहारा रायपुर भेजा गया। डॉक्टरों का आरोप है कि कलेक्टर पीएस एल्मा और एसपी प्रशांत ठाकुर धमतरी अस्पताल में पोस्टमार्टम करने दबाव बनाते रहे। डॉक्टरों द्वारा पीएम के लिए तैयार नहीं होने पर कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. यूएल कौशिक को हटाकर किसी दूसरे को प्रभार दे दिया है। इस बात की जानकारी जैसे ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ को हुई सभी काम छोड़कर सीएमएचओ दफ्तर पहुंच गए। डॉक्टरों व स्टाफ ने काम बंद कर दिया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि सिविल सर्जन को वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।