केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गोंड-भारिया जैसी जातियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट ने 5 राज्यों छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में करीब 15 जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह जानकारी दी।
इस फैसले के बाद देश में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 705 से बढ़कर 720 हो गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश में ST की जनसंख्या 10.43 करोड़ है, जो देश की कुल आबादी का 8.6% है। तो वही मीटिंग के दौरान यूपी के रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया गया है। गोंड जाति की 5 उपजातियों, धूरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य की भूईंया, भूया, पंडो, धनुहार, गदबा, गोंड, कोंध, कोडाकू, नगेसिया, धांगड़, सौंरा, बिंझिया। हिमाचल प्रदेश की हट्टी। तमिलनाडु राज्य की कुरुविक्करन। कर्नाटक राज्य की बेट्टा कुरुबा। उत्तर प्रदेश की गोंड, उपजाति-धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है।
तो वही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंजूरी के बाद मीडिया से कहा कि इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ट्रांस-गिरी एरिया में बसे हट्टी समुदाय के लगभग 1.60 लाख लोगों को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ में बृजिया समुदाय और तमिलनाडु की पहाड़ियों में रहने वाले सबसे वंचित और कमजोर समुदायों में से एक नारिकुरावर भी लाभांवित होंगे।