आरक्षण के मामले में जनअधिकार रैली निकालने के बाद कांग्रेस अब गांव-गांव तक अपने आंदोलन का विस्तार करने वाली है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजभवन पर खुलकर टिप्पणी कर रहे हैं। बुधवार को सीएम भूपेश बघेल ने राज्यपाल अनुसूईया उइके पर सार्वजनिक तौर कटाक्ष किया। उन्होंने आरक्षण विधेयक पर दस्तखत ना किये जाने पर सोशल मीडिया पर भाजपा पर कटाक्ष भी किया।
भूपेश बघेल ने ट्विटर और फेसबुक पर मंच पर खड़े खुद की तस्वीर पेश करते हुए लिखा कि अगर ये तुम्हारी चुनौती है तो मुझे स्वीकार है, लेकिन तुम्हारे लड़ने के तरीके पर धिक्कार है। उन्होंने आगे लिखा कि सनद रहे! भले “संस्थान’ तुम्हारा हथियार हैं, लड़कर जीतेंगे! वो भीख नहीं आधिकार है। फिर भी एक निवेदन स्वीकार करो-कायरों की तरह न तुम छिपकर वार करो, राज्यपाल पद की गरिमा मत तार-तार करो।
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ही कांग्रेस ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में जनअधिकार महारैली के दौरान कहा था कि छत्तीसगढ़ में की राज्यपाल ने आरक्षण संशोधन विधेयक को रोक सका है। सीएम ने कहा था कि राज्यपाल को अपनी हठ धर्मिता छोड़कर विधेयक पर दस्तखत करना चाहिए, या फिर उसे लौटा देंना चाहिए। उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय के एक निर्णय के कारण से छत्तीसगढ़ में आरक्षण समाप्त हो चुका है। बीजेपी नहीं चाहती है कि जनता को आरक्षण मिले,क्योंकि वह आरक्षण विरोधी है। इससे पूर्व उन्होंने यह भी कहा था कि छत्तीसगढ़ का राजभवन भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर से संचालित हो रहा है।
अगर ये तुम्हारी चुनौती है, तो मुझे स्वीकार है
लेकिन तुम्हारे लड़ने के तरीके पर धिक्कार हैसनद रहे! भले 'संस्थान' तुम्हारा हथियार हैं
लड़कर जीतेंगे! वो भीख नहीं आधिकार हैफिर भी एक निवेदन स्वीकार करो-
कायरों की तरह न तुम छिपकर वार करो
राज्यपाल पद की गरिमा मत तार-तार करो pic.twitter.com/79a2mlq3Ij— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 4, 2023
इधर भाजपा ने भी सीएम भूपेश के ट्विट पर जवाब दिया है। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने ट्विटर पर लिखा कि तेरे झूठ को उजागर करना चुनौती है, तो हमे स्वीकार है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 19 सितम्बर को आये एक निर्णय से छत्तीसगढ़ में आरक्षण देने के लिए बने कानून की संबंधित धाराओं को नियम विरुद्ध बताकर रद्द कर दिया गया है। इसी के साथ राज्य की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले के लिए आरक्षण समाप्त हो चुका है। इस स्थिति से निपटने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने 1 और 2 दिसम्बर को विधानसभा का सत्र बुलाया, जिसमे आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया गया। लेकिन राजभवन पहुंचकर विधेयक रुक गया है,क्योंकि राज्यपाल ने विधेयक पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
तेरे झूठ को उजागर करना चुनौती है, तो हमे स्वीकार है! जनता को मूर्ख समझने की तेरी अदा पर धिक्कार है
सनद रहे! भले सत्ता की ताकत तुम्हारा हथियार हैं! किंतु लड़कर जीतेंगे! जनता संग खड़ी @BJP4CGState हर बार है!
संविधान का तुम अपमान न करो! भरे मंच से झूठ का प्रचार न करों। https://t.co/qHf5Qeixzu
— Rajesh munat (@RajeshMunat) January 4, 2023