सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है। चुनाव आयोग में की गई शिकायत में ये कहा गया कि कांग्रेस ने विधायक मोहम्मद अकबर के खिलाफ उन्होंने कथित सांप्रदायिक बयान दिया था। छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “एक अकबर अगर एक जगह पर आता हैं तो वे सौ अकबर को बुला कर लाते हैं, ये बात भूलिए मत। इसलिए जितनी जल्दी हो सके उस अकबर को आप विदा कीजिए नहीं तो मां कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी।”
शर्मा ने अपने संबोधन में आगे कहा, “हमारे देश में कांग्रेस के शासन काल में लव जिहाद ती शुरुआत हुई। आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे राज्यों में आदिवासियों को हर दिन धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता है। जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो भूपेश बघेल जी बोलते हैं हम लोग सेक्यूलर हैं। हिंदू को मारना-ठोकना क्या आपका सेक्यूलरिज्म है? ये देश हिन्दू का देश है और ये देश हिन्दू का ही रहेगा। ये सेक्यूलरिजम की भाषा हमें मत सिखाइए।”
असम के सीएम के इसी बयान पर कांग्रेस को आपत्ति है। जिसको लेकर कांग्रस ने भारतीय चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमंत बिश्वा सरमा ने ये बयान में समाज को एक दूसरे खिलाफ भड़काने के मंशा से दिया है। पार्टी ने अपने ज्ञापन में कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवकों और सैनिकों को दिए गए सरकारी आदेशों’ के खिलाफ शिकायत की है। असम सीएम का बयान आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 का उल्लंघन है।