बिलासपुर। तारबाहर थाने में पदस्थ आरक्षक ने कबाड़ से भरे वाहन को पकड़कर थाने में खड़ा कर दिया। इसके बाद रुपये की मांग की। कबाड़ी ने किसी तरह 40 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद भी उसके वाहन में रेलवे का सामान भरकर आरपीएफ के हवाले कर दिया। कबाड़ी ने पूरे मामले की शिकायत एसपी कार्यालय में की है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मसानगंज में रहने वाले फिरोज मेमन ने बताया कि उसका सिरगिट्टी में कबाड़ी का गोदाम है। गुरुवार को उनका ड्राइवर पिकअप वाहन से कबाड़ लेकर जा रहा था। रेलवे पार्सल आफिस के पास तारबाहर थाने में पदस्थ आरक्षक मुरली भार्गव ने कबाड़ से भरा वाहन रोक लिया। उसने ड्राइवर को धमकाकर अपने साथ थाना ले आया। आरक्षक ने वाहन तारबाहर थाने में खड़ा कर दिया।
इसकी जानकारी होने पर कबाड़ व्यवसायी अपने सहयोगी अब्दुल सफीर को साथ लेकर थाने पहुंचा। उसने थाना प्रभारी से मिलकर बिल होने की जानकारी दी। बिल देखने के बाद थाना प्रभारी ने एएसआइ टंडन से मिलने के लिए कहा। एएसआइ टंडन ने बिल देखने के बाद आरक्षक मुरली भार्गव के मोबाइल पर बिल भेजने के लिए कहा। साथ ही उससे बात करने के लिए भेज दिया। आरक्षक ने कबाड़ी से टीआइ और एएसआइ के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की। इस पर आरक्षक ने जेल भेज देने की धमकी दी।
जेल जाने के डर से कबाड़ी और उसके साथी ने किसी तरह 40 हजार की व्यवस्था कर आरक्षक को दिए। रुपये लेने के बाद भी उनके वाहन को नहीं छोड़ा गया। रात करीब 10 बजे ड्राइवर के सामने ही वाहन में रेलवे का सामान रखवाया गया। इसके बाद ड्राइवर को वाहन एफसीआइ चौक के पास लेकर जाने के लिए कहा गया। इसके कुछ ही देर बाद आरपीएफ की टीम आकर वाहन ले गई।
सुबह कबाड़ी को इसकी जानकारी हुई। कबाड़ी के सहयोगी अब्दुल सफीर ने पूरे मामले की शिकायत एसपी कार्यालय में की है और आवेदन के माध्यम से मांग किया है की फोन कॉल और थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच किया जाए ताकि निष्पक्ष कर्रवाई हो सके।