Wednesday, September 10, 2025
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स्कूली छात्राओं ने क्लासरूम में की पार्टी अनुशासनहीनता का मामला: बीयर पार्टी और सिगरेट पीने की घटनाओं से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल…

बिलासपुर, छत्तीसगढ़: शिक्षा का मंदिर माने जाने वाले स्कूलों में जहां बच्चों को नैतिक और अनुशासनात्मक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है, वहीं हाल ही में मस्तूरी ब्लॉक के शासकीय हाई स्कूल भटचौरा में हुई घटनाओं ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। स्कूल की कुछ छात्राओं ने क्लासरूम में बीयर पार्टी की और इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर दिया। इसके बाद जब जांच टीम स्कूल पहुंची तो एक छात्र उनके सामने ही सिगरेट पीते हुए बाहर निकला, जिसने टीम को भी हैरान कर दिया।

29 जुलाई की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। वीडियो में कुछ छात्राएं क्लासरूम में बर्थडे पार्टी के दौरान बीयर पीते हुए दिख रही हैं। सात से आठ डिस्पोजल गिलासों में बीयर डाली गई है, और छात्राएं बिना किसी डर के खुलेआम इसका सेवन कर रही हैं। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) टीआर साहू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए।

डीईओ के निर्देश पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और ब्लॉक संसाधन समन्वयक (बीआरसी) की एक टीम को जांच के लिए स्कूल भेजा गया। जब जांच टीम स्कूल पहुंची, तो एक और चौंकाने वाली घटना उनके सामने आई। एक छात्र उनके सामने ही सिगरेट पीते हुए बाहर निकला, जिसने टीम को स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करने पर मजबूर कर दिया।

बीईओ कार्यालय के आरपी एक्का और प्राचार्य रश्मि गुप्ता की जांच टीम ने स्कूल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। जांच के दौरान स्कूल के शिक्षकों और वीडियो में दिख रही छात्राओं के बयान भी दर्ज किए गए हैं।

स्कूल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। स्कूल के प्राचार्य ने इस घटना को दबाने की कोशिश की और किसी ठोस कार्रवाई की पहल नहीं की। प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक का कहना है कि यह घटना सुबह की पाली में हुई, जब कक्षा खाली रहती है और वह हायर सेकंडरी की क्लास के लिए इस्तेमाल की जाती है।

इस मामले के सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट मांगी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रशासन की इस लापरवाही ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह घटना सिर्फ स्कूल के अनुशासनहीनता का मामला नहीं है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था के प्रति स्कूल प्रशासन की उदासीनता को भी उजागर करती है। जिस स्थान पर बच्चों को नैतिकता, अनुशासन और जीवन के सही मूल्यों की शिक्षा दी जानी चाहिए, वहां इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर अगर उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है। स्कूल प्रशासन, शिक्षक और अभिभावकों को मिलकर बच्चों के नैतिक विकास पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

यह घटना न सिर्फ स्कूल बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के लिए चेतावनी है कि छात्रों के मानसिक और नैतिक विकास के प्रति अधिक सतर्कता और सख्ती बरतने की जरूरत है।

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