बिलासपुर, सरकंडा थाना – वर्ष 2023 में दर्ज किए गए एक धोखाधड़ी (धारा 420) के मामले में गंभीर लापरवाही पाए जाने पर आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने तत्कालीन थाना प्रभारी (टीआई) और विवेचना अधिकारी के खिलाफ जाँच के आदेश दिए हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा आईजी से की गई शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है।
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब सरकंडा थाना क्षेत्र में रहने वाले पवन कुमार, जिनका निवास स्थान गोकुल धाम कुशवाहा भवन के पीछे है, ने लापरवाही की शिकायत की। शिकायत के अनुसार, लिंगियाडीह निवासी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा 28 जनवरी 2023 को थाना सरकंडा में धोखाधड़ी का आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इस आवेदन पर तत्कालीन थाना प्रभारी ने अपराध दर्ज कर लिया और महज 14 दिनों के अंदर यानी 10 फरवरी 2023 को कोर्ट में अभियोग पत्र पेश कर दिया गया।
शिकायत की गंभीरता:
आरोप यह है कि मामले की विवेचना में किसी प्रकार की गंभीरता नहीं बरती गई। न तो पर्याप्त सबूत एकत्र किए गए और न ही घटना की उचित जांच हुई। मात्र 14 दिनों के अंदर केस को कोर्ट में प्रस्तुत करना इस बात को दर्शाता है कि मामले को जल्दबाजी में निपटाने की कोशिश की गई थी।
इस लापरवाही के चलते पवन कुमार ने आईजी को शिकायत पत्र भेजा। आईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह पाया गया कि तत्कालीन टीआई और विवेचना अधिकारी ने मामले की जांच में लापरवाही बरती थी।
आईजी की कार्रवाई:
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने बिलासपुर एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) से इस मामले की जांच करवाएं। आईजी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जाँच 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए और जांच रिपोर्ट उनके पास प्रस्तुत की जाए।
पुलिस विभाग की साख पर सवाल:
इस प्रकार की घटनाएं पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती हैं। जनता के लिए पुलिस पर विश्वास एक महत्वपूर्ण बिंदु होता है, और जब ऐसे मामले सामने आते हैं जहां लापरवाही के कारण सही न्याय नहीं मिल पाता, तो यह पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करता है।