बिलासपुर। चकरभाठा क्षेत्र में एक बेहद दुखद घटना घटी, जहाँ 12 वर्षीय नाबालिक छात्र की तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह घटना न केवल उस परिवार के लिए एक बड़ा आघात है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि बच्चों की सुरक्षा और तालाब जैसे स्थानों में सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।
प्रकाश दास मानिकपुरी, जो सिम्स अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर कार्यरत हैं, का 12 वर्षीय पुत्र चकरभाठा स्थित ज्ञानोदय स्कूल में पढ़ता था। स्कूल की छुट्टी के बाद, वह अपने दोस्तों के साथ पास के एक तालाब में नहाने गया। नाबालिक बच्चे को तालाब की गहराई का सही अंदाजा नहीं था, जिसके चलते वह डूब गया। आसपास के लोग और उसके साथियों ने तुरंत उसकी खोज शुरू की और उसे तालाब से बाहर निकाला, लेकिन तब तक बच्चा किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही आपातकालीन सेवा 112 को बुलाया गया। तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चे को सिम्स अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना प्रकाश दास मानिकपुरी और उनके परिवार के लिए बहुत ही दिल दहला देने वाली है, जिन्होंने अपने बेटे को इस दर्दनाक तरीके से खो दिया।
यह घटना एक बार फिर से बताती है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति हमें और अधिक सजग होने की आवश्यकता है। विशेष रूप से तालाब, झील, नदी जैसे स्थानों पर बच्चों को अकेला न छोड़ें। उन्हें पानी की गहराई और उसमें छिपे खतरों के बारे में जानकारी देना बेहद जरूरी है। स्कूल और माता-पिता को इस तरह के स्थानों पर बच्चों की निगरानी करने और उन्हें उचित सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
बच्चों की मासूमियत और खेल के दौरान लापरवाही कभी-कभी ऐसे भयानक हादसों में बदल सकती है, जिससे परिवार और समाज को गहरा दुख पहुंचता है। इस घटना से हमें यह सीखने की जरूरत है कि तालाब जैसे खतरनाक स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें इसके प्रति जागरूक किया जाए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी कीमती है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बड़े नुकसान में बदल सकती है।