बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही सामने आई है। सरकंडा के बहतराई स्टेडियम में चल रही इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को परोसे गए खाने में बासी भोजन और कीड़े मिलने की शिकायतें आई हैं। इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में शामिल उम्मीदवारों को जो भोजन परोसा गया, वह पूरी तरह से बासी था। इसमें कई जगहों पर कीड़े भी बिलबिलाते हुए दिखाई दिए। इस घटना से उम्मीदवारों में भारी आक्रोश फैल गया, और उन्होंने भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इस तरह की घटनाएं न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी गंभीर प्रभाव डालती हैं।
इस मामले में भर्ती प्रक्रिया के आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, फॉरेस्ट अधिकारियों द्वारा अपने नजदीकी लोगों को खाने का टेंडर दिया गया है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। ऐसी रिपोर्टें भी आ रही हैं कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, जिसके चलते इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई।
उम्मीदवारों और उनके परिवारजनों द्वारा इस गंभीर लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की चूक न केवल उम्मीदवारों के स्वास्थ्य को खतरे में डालती है, बल्कि पूरी भर्ती की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करती है। प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में कड़ी कार्रवाई करें और दोषियों को सजा दी जाए।
फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही ने इस पूरी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। फॉरेस्ट विभाग पर पहले से ही कई बार भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं, और यह नया मामला विभाग की कार्यप्रणाली को और संदेहास्पद बना रहा है। ऐसे में जरूरी है कि संबंधित अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझें और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाएं।
बिलासपुर में चल रही फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया में सामने आई यह घटना एक गंभीर प्रशासनिक चूक का संकेत देती है। बासी खाना और कीड़ों की मौजूदगी ने उम्मीदवारों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है, और इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई करता है।