बिलासपुर। बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बिलासपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने प्रदेश के कई जिलों में बेरोजगार युवक-युवतियों को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस ने इनके पास से 13 लाख रुपये नकद, 20 लाख रुपये की एक इनोवा कार और 3 लाख रुपये बैंक खाते में सीज किए हैं। साथ ही, फर्जी नियुक्ति पत्र, सेवा पुस्तिकाएं, सरकारी विभागों की सीलें और अन्य सामग्री भी बरामद की गई है।
इस संगठित गिरोह का नेतृत्व कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर, निवासी अकलतरा, जिला जांजगीर चांपा कर रहा था। उसके साथ तथाकथित पत्रकार गुरूशंकर दिव्य, सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान और अन्य साथियों ने मिलकर प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 25-30 बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया। गिरोह के सदस्य विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके बेरोजगारों से भारी रकम ऐंठते थे।
मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी और उसके सहयोगी बेरोजगार युवाओं को यह भरोसा दिलाते थे कि उनका सरकारी विभागों में उच्च पदों पर संपर्क है, और वे आसानी से उन्हें नौकरी दिलवा सकते हैं। कपिल गोस्वामी महंगी गाड़ी और बॉडीगार्ड के साथ घूमता था, जिससे वह प्रभावशाली दिख सके और युवाओं को धोखे में डाल सके। युवाओं से पैसा लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे, और उनके ओरिजिनल दस्तावेज “वेरिफिकेशन” के नाम पर रख लिए जाते थे।
थाना सिविल लाइन को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि कपिल गोस्वामी और उसके साथी बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष टीम गठित की, जिसने आरोपियों को कुछ ही घंटों में हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने विभिन्न जिलों के बेरोजगार युवकों से कुल मिलाकर करोड़ों रुपये ठगे हैं।
आरोपियों के निवास से पुलिस ने नकदी, फर्जी दस्तावेज, सरकारी विभागों की सीलें, और अन्य सामग्री बरामद की। गिरोह के सदस्यों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती, रायपुर, और बलौदा बाजार जैसे जिलों के युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगा है।
बिलासपुर पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे इस प्रकार के ठगों से सावधान रहें और किसी भी व्यक्ति द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है, और अन्य पीड़ितों से संपर्क कर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह घटना उन बेरोजगार युवाओं के लिए एक सख्त चेतावनी है, जो नौकरी की तलाश में हैं और ऐसे फर्जी गिरोहों के चंगुल में फंस सकते हैं। सरकारी नौकरियों के नाम पर होने वाली ठगी से बचने के लिए आवश्यक है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। इस मामले में बिलासपुर पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े ठगी के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिससे और अधिक युवाओं को फंसने से बचाया जा सका है।