छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण की संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था, जिसे अब राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है। इस परिवर्तन से OBC समुदाय के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अधिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा।
नए आदेश के अनुसार, अब OBC वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में नगरीय निकायों और पंचायत चुनावों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिलेगा। पहले OBC के लिए आरक्षण की सीमा 25 प्रतिशत थी, जिसे अब बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। यह निर्णय OBC वर्ग की राजनीतिक भागीदारी को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि, इस नए नियम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण शर्त भी जोड़ी गई है। यदि किसी विशेष नगरीय निकाय या पंचायत में अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, तो उस निकाय में OBC का आरक्षण शून्य कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक वर्ग को उनके जनसंख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके और कोई भी वर्ग अधिशेष आरक्षण के कारण अनदेखा न हो।