बिलासपुर के चकरभाठा स्थित गुरुद्वारे के पूर्व सेवादार दीपक केवलानी पर हाल ही में करोड़ों की ठगी और तंत्र-मंत्र से भयभीत कर लोगों को ठगने के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के बाद शहर और विशेष रूप से सिंधी समाज में हड़कंप मच गया। आरोप है कि दीपक केवलानी ने स्टॉक मार्केटिंग में दोगुना मुनाफा दिलाने का वादा करके और तंत्र-मंत्र से लोगों को डराकर करोड़ों की ठगी की। साथ ही, यह भी आरोप है कि दीपक ने नवविवाहित दंपत्तियों को संतान संबंधी समस्याओं का भय दिखाकर उनसे पैसे वसूले।
सेवादार का मीडिया के सामने खुलासा
आरोपों के सामने आने के बाद दीपक केवलानी ने मीडिया के सामने आकर इन आरोपों को एक बड़ी साजिश करार दिया है। दीपक का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं, और ये एक सोची-समझी योजना के तहत उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। उनके अनुसार, आरोप लगाने वाले विनोद चावलानी, सुमित वालेचा और ऋतिक हिरवानी ने स्टॉक मार्केटिंग में निवेश कर लोगों से पैसे लिए थे। लेकिन जब उन्हें घाटा हुआ और वे निवेशकों को पैसे लौटाने में असमर्थ हो गए, तो उन्होंने खुद को बचाने के लिए दीपक को बलि का बकरा बना दिया।
दीपक केवलानी ने इस को षड्यंत्र कहते हुए कुछ ऑडियो प्रस्तुत किए हैं, जिनसे उनके निर्दोष होने का दावा किया जा रहा है। उनका कहना है कि वे खुद कर्जे में हैं और अपने घर का किराया तक नहीं चुका पाए हैं, ऐसे में वह कैसे किसी से करोड़ों की ठगी कर सकते हैं?
समाज में गहरी दरार
यह मामला न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील बन गया है। सिंधी समाज के कई प्रतिष्ठित युवा व्यापारी, जिनमें विनोद चावलानी, सुमित वालेचा और ऋतिक हिरवानी शामिल हैं, ने सिविल लाइन थाने में दीपक केवलानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इन शिकायतकर्ताओं ने दीपक पर लोगों को स्टॉक मार्केटिंग और तंत्र-मंत्र के जरिए ठगने का आरोप लगाया है।
पुलिस जांच की मांग
दीपक केवलानी ने अपनी ओर से भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और एसपी बिलासपुर से उनके बैंक खाते और आय के अन्य स्रोतों की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सच्चाई जल्द ही सबके सामने आएगी और वे निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने इस मामले को पूरी तरह से एक षड्यंत्र बताते हुए आरोप लगाया है कि उनकी लोकप्रियता और उनके लाखों अनुयायियों की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ आरोप लगाने का मकसद यह है कि सिंधी समाज के पीड़ित व्यक्ति चुप रहें और किसी प्रकार की धन वापसी की मांग न करें।
यह मामला बेहद पेचीदा और संवेदनशील है। आरोप-प्रत्यारोपों की इस लड़ाई में सच्चाई क्या है, यह तो पुलिस जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। जहां एक तरफ कुछ लोग दीपक केवलानी को दोषी मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वे खुद को एक साजिश का शिकार बता रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस जांच के परिणाम क्या होंगे और इस मामले में कौन सही और कौन गलत साबित होता है। फिलहाल, यह मामला बिलासपुर के समाज और कानूनी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।