छत्तीसगढ़ में नगर निगमों के महापौर पदों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राज्य के सबसे बड़े नगर निगम रायपुर में इस बार महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है। लॉटरी प्रणाली के जरिए तय किए गए इस आरक्षण ने राज्य के बाकी नगर निगमों के समीकरण भी बदल दिए हैं। आइए जानते हैं कि विभिन्न नगर निगमों में महापौर पद किस वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं और इसका राजनीतिक महत्व क्या है।
रायपुर और अन्य प्रमुख नगर निगमों का हाल
1. रायपुर:
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। यह निर्णय महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रायपुर में महिला उम्मीदवारों को अब बेहतर नेतृत्व का अवसर मिलेगा।
2. बीरगांव:
बीरगांव नगर निगम में भी महापौर पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। यह आरक्षण महिलाओं को शहरी विकास में नेतृत्व करने का एक और मंच प्रदान करेगा।
3. दुर्ग और कोरबा:
दुर्ग में महापौर का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, जबकि कोरबा में यह सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
4. भिलाई और भिलाई-चरौदा:
भिलाई और भिलाई-चरौदा, दोनों नगर निगमों में महापौर का पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है।
5. बिलासपुर:
बिलासपुर में भी महापौर का पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।
6. धमतरी और चिरमिरी:
धमतरी और चिरमिरी दोनों नगर निगमों में महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए खुला रखा गया है।
7. रायगढ़ और रिसाली:
रायगढ़ में महापौर का पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित है, जबकि रिसाली में इसे एससी महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
8. अम्बिकापुर और जगदलपुर:
अम्बिकापुर में यह पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं, जगदलपुर में यह सामान्य वर्ग के लिए खुला रहेगा।
9. राजनांदगांव:
राजनांदगांव में महापौर पद सामान्य वर्ग के लिए खुला रखा गया है।
आरक्षण का राजनीतिक महत्व
छत्तीसगढ़ में महापौर पदों के आरक्षण ने राज्य के राजनीतिक दलों को रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। जहां महिलाओं को आरक्षण मिलने से उनकी भागीदारी बढ़ेगी, वहीं ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण ने सामाजिक समरसता को मजबूत करने का प्रयास किया है।
महिलाओं की भागीदारी पर जोर
महिलाओं के लिए आरक्षित पद राज्य सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। रायपुर, बीरगांव, कोरबा और रिसाली जैसे नगर निगमों में महिला नेतृत्व शहरी विकास को नई दिशा दे सकता है।