बिलासपुर: नगर निगम चुनावों की सरगर्मियों के बीच वार्ड नंबर 36 (बसंत भाई पटेल वार्ड) में कांग्रेस प्रत्याशी संदीप बाजपेयी (पप्पू) ने अपनी चुनावी मुहिम को तेज कर दिया है। जनता के बीच व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाते हुए वे अपने पुराने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाने के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं पर भी जोर दे रहे हैं।
पिछले कार्यकाल की उपलब्धियां
संदीप बाजपेयी 2009 और 2014 में पार्षद रह चुके हैं। उनका दावा है कि उनके कार्यकाल में वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ और कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए। उनका कहना है कि सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने का श्रेय उनकी पार्षदी को जाता है। उनका यह भी कहना है कि उनके बाद के वर्षों में वार्ड में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है।
जनसंपर्क में मिल रहा समर्थन
बाजपेयी के प्रचार अभियान को वार्ड के निवासियों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। वे घर-घर जाकर मतदाताओं से मिल रहे हैं, उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और अपने विजन को साझा कर रहे हैं। वे मतदाताओं को भरोसा दिला रहे हैं कि अगर उन्हें फिर से चुना जाता है, तो वे वार्ड में अधूरे पड़े विकास कार्यों को पूरा करेंगे और नई योजनाओं को लागू करेंगे।
चुनाव की स्थिति और मुख्य मुद्दे
नगर निगम चुनावों में वार्ड नंबर 36 की स्थिति काफी रोचक होती जा रही है। यहां की जनता इस बार बुनियादी सुविधाओं की बेहतरी और पारदर्शी प्रशासन की उम्मीद कर रही है। संदीप बाजपेयी ने अपने प्रचार में साफ किया है कि वे वार्ड में स्वच्छता, जल आपूर्ति, सड़क सुधार और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जनता की राय
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे विकास चाहते हैं और ऐसे उम्मीदवार को चुनेंगे जो उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले और समाधान प्रदान करे। कुछ मतदाताओं का मानना है कि बाजपेयी का अनुभव उनके पक्ष में काम कर सकता है, जबकि अन्य उम्मीदवारों की रणनीतियां भी मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं।
बिलासपुर नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 36 एक अहम क्षेत्र बन गया है, जहां संदीप बाजपेयी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मजबूत प्रचार कर रहे हैं। जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए यह चुनाव रोमांचक हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रचार अभियान और जनसमर्थन बाजपेयी के पक्ष में कितना असर डालता है और क्या वे एक बार फिर पार्षद बनने में सफल होते हैं।