बिलासपुर। सिटी कोतवाली पुलिस ने दो साल से फरार चल रही ठगी की आरोपिया को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपिया सविता प्रजापति (48 वर्ष), जो कि नौकरी लगाने के नाम पर 3.5 लाख रुपये की ठगी कर फरार हो गई थी, को रायपुर के सर्वोदय नगर पचपेंडी नाका से गिरफ्तार किया गया।
मामला वर्ष 2021-2022 का है, जब बिलासपुर की रहने वाली ममता लांझेकर ने अपनी बेटी की नौकरी लगवाने के लिए आरोपिया सविता प्रजापति को 3,50,000 रुपये दिए थे। सविता ने जल संसाधन विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर यह रकम ऐंठ ली और फिर फरार हो गई। जब पीड़िता को काफी समय तक नौकरी नहीं मिली, तो उसने 19 मई 2023 को सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।
प्रकरण में धारा 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया और पुलिस ने आरोपिया की तलाश शुरू की। घटना के बाद सविता प्रजापति ने बिलासपुर स्थित अपना पैतृक मकान बेच दिया और अलग-अलग जगहों पर ठिकाने बदलकर छिपती रही।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल, और नगर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रमोद साबद्रा के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। विवेचना के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपिया रायपुर के सर्वोदय नगर पचपेंडी नाका में रह रही है।
इसके बाद थाना कोतवाली पुलिस ने वहां दबिश दी और आरोपिया को हिरासत में लिया। पूछताछ में सविता प्रजापति ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक विवेक कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में उनि बसंत साहू, आरक्षक नुरूल कादीर और महिला आरक्षक प्रेम कुमारी कुजूर की अहम भूमिका रही।
यह मामला उन लोगों के लिए एक सबक है जो नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं। पुलिस की सक्रियता और सतर्कता से इस मामले में आरोपिया को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे ऐसे धोखाधड़ी के मामलों का शिकार न हों।