Wednesday, September 10, 2025
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संदिग्ध हालात में गर्भवती महिला की मौत: ससुराल पक्ष पर हत्या और प्रताड़ना के गंभीर आरोप, न्याय की गुहार लेकर SP कार्यालय पहुंचे परिजन…

बिलासपुर।
यूपी के रामपुर जिले की एक गर्भवती महिला की मौत ने न केवल उसके परिवार बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है। महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के बाद अब यह मामला एक गंभीर आपराधिक कांड का रूप ले चुका है। मृतका के परिजनों ने ससुराल पक्ष पर वर्षों से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, मारपीट और अंततः हत्या कर सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।

मृतका की शादी करीब 13-14 साल पहले यूपी के रामपुर निवासी कारी बशीर अहमद से रीति-रिवाज के साथ की गई थी। शादी के कुछ ही समय बाद से महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। परिजनों के अनुसार, बशीर अहमद आर्थिक रूप से कमजोर था और लगातार ससुराल से पैसों की मांग करता था। इनकार करने पर महिला को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती थीं।

परिजनों ने बताया कि लंबे समय तक प्रताड़ना झेलने के बाद महिला को पति ने छोड़ दिया। वह करीब चार साल तक मायके में रही लेकिन इस दौरान उसका पति कभी उसे लेने नहीं आया। कुछ समय पूर्व फिर से सुलह की बात कहकर बशीर महिला को वापस ले गया, लेकिन तालापारा, बिलासपुर के एक मदरसे में उसे फिर से प्रताड़ित किया जाने लगा।

घटना के अनुसार, 10 जुलाई को महिला ने किसी तरह फोन कर परिजनों को सूचित किया कि उसे मारने की कोशिश की जा रही है। यह उसकी आखिरी बात साबित हुई, क्योंकि दो दिन बाद 12 जुलाई की रात करीब 10:14 बजे परिवार को सूचना मिली कि महिला की मृत्यु हो चुकी है।

जब परिजन रामपुर पहुंचे और शव देखा तो वे स्तब्ध रह गए। महिला के नाक और मुंह से खून बह रहा था, शरीर पर चोट के गंभीर निशान थे और उसके कपड़े खून से सने हुए थे। इन हालातों ने यह संदेह गहरा कर दिया कि यह मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है।

परिजनों ने रामपुर के अजीब नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वे बिलासपुर पहुंचे, लेकिन यहां भी उन्हें समझौते का दबाव और धमकियां झेलनी पड़ीं। परिजनों का आरोप है कि बशीर अहमद के परिवार ने कहा कि उन्होंने पुलिस को पैसे देकर “मामला सेट” कर लिया है।

हत्या की आशंका और पुलिस की निष्क्रियता से क्षुब्ध होकर मृतका के परिजन तालापारा के स्थानीय निवासियों के साथ बिलासपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी, FIR दर्ज करने और शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की।

परिजनों ने कारी बशीर अहमद के साथ-साथ सगीर अहमद, आश्रिता, अनस, फरहान सहित अन्य पर साजिशन हत्या, प्रताड़ना और बंधक बनाकर रखने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मांग की है कि:

  • मृतका के शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम हो
  • हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए
  • सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए
  • पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाए

वहीं सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह ने कहा…हमने हॉस्पिटल की रिपोर्ट ली हैं और बयान भी लिया लेकिन जांच मे कही भी चोट के निशान नहीं थे, और अभी पुलिस हर पहलु की जांच कर रही हैं।

यह मामला सिर्फ एक महिला की मौत का नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न अब भी हमारे बीच जीवित हैं। यदि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो यह अन्य पीड़ितों के लिए भी निराशा का कारण बनेगा। प्रशासन और न्यायपालिका से अपेक्षा है कि वे निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई करें, ताकि एक और महिला की जिंदगी इस क्रूरता की भेंट न चढ़े।

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