बिलासपुर।
बिलासपुर जिले के कोटा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले खोंसरा गांव से एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक पुलिस अधिकारी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। डीएसपी डॉ. मेखलेन्द्र वर्तमान में नक्सल जिला कांकेर में पदस्थ हैं। उनके दीदी- जीजाजी जो कि कोटा थानान्तर्गत ग्राम बिल्लीबंद एवं मानिकपुर में निवासरत हैं, उन्हें ग्राम मानिकपुर में बैठक बुलाकर उनके साथ गाली-गलौज किया गया, अपमानित किया गया एवं समाज से बहिष्कृत करने व जान से मारने की धमकी दी गई।
मामला सिर्फ बहिष्कार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि गांव में रह रहे मेखलेंद्र के परिवार को भी प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। सामाजिक दबाव और मानसिक उत्पीड़न के चलते परिवार बेहद तनाव में है।
इस संबंध में एडिशनल एसपी (ग्रामीण) अर्चना झा ने जानकारी दी कि पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस में शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को जाति, समाज या निजी जीवन के आधार पर प्रताड़ित करना कानूनन अपराध है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस ने सामाजिक बहिष्कार और मानसिक प्रताड़ना जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। अब यह मामला कानून व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक सहिष्णुता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़ा करता है।
समाज में इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं, बल्कि कानून व्यवस्था को भी चुनौती देती हैं। यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ त्वरित न्याय दिया जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत पसंद के चलते उत्पीड़न का शिकार न हो।