बीजापुर, जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में बड़ा मोड़ आया है। मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में दो सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता (ईई), एक वर्तमान ईई, एक एसडीओ और एक उप अभियंता शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी को न्यायिक रिमांड पर लिया है और पूछताछ की जा रही है।
स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सक्रिय रूप से रिपोर्टिंग करते थे। उन्होंने सोशल मीडिया और अपने वीडियो पोर्टल पर लगातार घटिया सड़क निर्माण और उसमें हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया। उनकी रिपोर्टों में एक ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का इस्तेमाल और मानकों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया गया था।
इन्हीं खुलासों से नाराज होकर सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर—जो कि मुकेश चंद्राकर का रिश्तेदार भी था—ने कथित रूप से उनकी हत्या की साजिश रची। पुलिस ने सुरेश चंद्राकर को पहले ही हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया था और वह फिलहाल रिमांड पर है।
गिरफ्तार हुए PWD अधिकारी
हत्या के सिलसिले में बुधवार को जिन पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
- डी.आर. साहू – सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
- वी.के. चौहान – सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
- एच.एन. पात्र – तत्कालीन कार्यपालन अभियंता
- प्रमोद सिंह कंवर – एसडीओ, बीजापुर
- संतोष दास – उप अभियंता, जगदलपुर
बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि की और बताया कि सभी से गहन पूछताछ की जा रही है।
पहले भी दर्ज हुई थी FIR
पत्रकार की हत्या के बाद डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने मामले को गंभीरता से लिया। उनके निर्देश पर पहले ही तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव, एसडीओ आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोडोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें से तीन आरोपी वर्तमान में अग्रिम जमानत पर हैं।
मुकेश चंद्राकर कौन थे?
मुकेश चंद्राकर बीजापुर के एक साहसी स्वतंत्र पत्रकार थे जो नक्सल इलाकों में जाकर रिपोर्टिंग किया करते थे। वे मुख्यधारा के कई समाचार चैनलों के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग करते थे, साथ ही खुद का वीडियो पोर्टल भी चलाते थे।
1 जनवरी 2025 को वे रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। 3 जनवरी को उनकी लाश एक बंद सेप्टिक टैंक में मिली थी, जिससे पूरे राज्य में पत्रकार सुरक्षा को लेकर आक्रोश फैल गया था।