सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल बनाया गया है। पूर्व न्यायमूर्ति पीसी घोष वर्तमान में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के मेंबर हैं। उन्हें देश के पहला लोकपाल नियुक्त किया गया है। सोमवार को उनके नाम का आधिकारिक ऐलान किया जाएगा। लोकपाल के कार्यभार संभालने की अधिसूचना अगले हफ्ते जारी किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पीसी घोष कोलकाता और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के जज रह चुके हैं। 27 मई 2017 को वे सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसके बाद उन्हें मानव अधिकार आयोग में बतौर सदस्य रहे थे। अब उन्हें देश का पहला लोकपाल बनाया गया है। उनके नाम का ऐलान लोकपाल सिलेक्शन कमिटी की बैठक के बाद की गई। इस बैठक में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मुख न्यायाधीश रंजन गोगोई और सीनियर अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के मामलों पर एक स्वतंत्र और मजबूत संस्था स्थापित करने के लिए वर्ष 2013 में लोकपाल विधेयक पारित किया गया था। वर्ष 2014 को ये विधेयक लागू किया गया, हालांकि गत 5 वर्षों में सरकार लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अदालत में याचिका दायर की गई। इस याचिका के बाद शीर्ष अदालत ने सरकार को लताड़ लगाई और लोकपाल की नियुक्ति में हो रही लेटलतीफी को लेकर सवाल पूछे थे। अदालत की दखल के बाद अब देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति हो गई है।