कोरोना के नए वेरिएंट मिलने के बाद से पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है। ऐसे में अब लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। सभी यह जानना चाहते हैं कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है? इससे कैसे बचा जा सकता है? इसी के साथ वैक्सीन इस पर कितनी कारगर है? हाल ही में इन सभी सवालों के जवाब एम्स के डॉक्टर नवीत विग ने दिए हैं।
जी दरअसल, डॉक्टर नवीत एम्स दिल्ली में कोविड टास्क फोर्स के चेयरपर्सन भी हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि नया वेरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसबल है। यानी यह अधिक तेजी से फैलता है। इम्यूनिटी को मात देने में भी यह ज्यादा कुशल है। इसी के साथ उन्होंने कहा, ‘हमें यह समझना होगा कि नए वेरिएंट आते रहेंगे। ऐसे में यूनिवर्सल वैक्सीनेशन यानी सभी लोगों को वैक्सीन लगनी बहुत महत्वपूर्ण है। ‘ वहीं उन्होंने साफ तौर पर बूस्टर डोज की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा है कि ‘आयु समूहों और अलग-अलग तरह के रोगियों के आधार पर बूस्टर डोज की जरूरत होगी। साथ ही इसके लिए तुरंत अध्ययन की आवश्यकता होगी।’
इसी के साथ उन्होंने बताया, ‘इजरायल में बूस्टर डोज के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता 40 फीसदी से बढ़कर 93 फीसदी हो गई। ऐसे में इसकी जरूरत होगी।’ आपको बता दें कि इसके पहले सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स के डॉ संजय राय ने बताया कि ‘यह एक नया वेरिएंट है। अभी ‘वेट एंड वॉच’ की पॉलिसी अपनानी होगी। इसके बारे में चीजों को देखने की जरूरत है। अभी हम नहीं जानते कि यह किस हद तक इंफेक्शियस है। हालांकि, इस बात की संभावना है कि यह आपकी मौजूदा इम्यूनिटी को बाईपास कर सकता है। अगर ऐसा ही है तो यह गंभीर मामला है।’ आप सभी को बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट का नाम B.1.1.529 है जिसे ‘बोत्सवाना वेरिएंट’ भी कहा जा रहा है।