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अब पेट्रोल पंपों पर तेल डलवाते वक्त नहीं होगी गड़बड़ी

पूरे देश में पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को निर्धारित से कम मात्रा अर्थात घटतौली से निजात दिलाने की तैयारी चल रही है और इसके लिए पेट्रोल पंपों में छेड़छाड़ रहित इलेक्ट्रोनिक फ्लो मीटर लगाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि देश में कई स्थानों पर घटतौली के लिए पेट्रोल पंपों में चिप लगाये जाने का खुलासा होने के बाद से ही उनका मंत्रालय तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ ही तेल विपणन कंपनियों के संपर्क में है. इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कई तरह के उपायोें पर विचार किया जा रहा है जिसमें छेड़छाड़ रहित इलेक्ट्रोनिक फ्लो मीटर भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसको लगाने को लेकर चर्चा अग्रिम चरण में है और शीध्र ही इस संबंध में निर्णय लिये जाने की उम्मीद है.

पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं में जागरूकता लाने के लिए जागाे ग्राहक जागो अभियान सफल रहा है और इस अभियान के शुरू किये जाने के बाद से ही राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर आने वाले कॉल की संख्या में भारी बढोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005-06 में इस पर 61190 कॉल आये थे जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 298589 पर पहुंच गया. उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन के जरिये की जाने वाली शिकायतों पर मात्र 10 प्रतिशत उपभोक्ता ही अपनी प्रतिक्रिया देते हैं और उनमें से 86 प्रतिशत संतुष्ट होते हैं. उन्होंने कहा कि अगस्त 2016 में इस हेल्पलाइन की संख्या बढ़ाकर 60 की गयी थी. उससे पहले इसकी संख्या 14 थी. उन्होंने कहा कि देश के छह जोन में अक्टूबर महीने में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन शुरू की जाएगी और सभी छह केन्द्रों में 10 -10 लाइनें होंगी. इस तरह कुल मिलाकर 60 जोनल और 60 राष्ट्रीय लाइनें हो जायेगी. उन्होंने कहा कि जोनल केन्द्राें पर मिलने वाली शिकायतों को राष्ट्रीय केन्द्र को भेजा जायेगा और केन्द्रीय स्तर पर उसकी निगरानी की जायेगी. देश के 24 राज्य अपने स्तर पर उपभोक्ता हेल्पलाइन कार्यक्रम चला रहे हैं जिनमें से 18 राज्य केन्द्रीय हेल्पलाइन के साफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि अब इस साफ्टवेयर को अद्यतन किया गया है और मार्च 2018 तक सभी राज्य स्तरीय उपभोक्ता हेल्पलाइन केन्द्र इस साफ्टवेयर पर काम करने लगेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की 289 कंपनियां स्वेच्छा से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ चुकी है और वे शिकायतों के निवारण पर जोर भी दे रही हैं. हालांकि जो कंपनियां इससे नहीं जुड़ी हैं उनके विरूद्ध मिलने वाली शिकायतों को भी संबंधित कंपनियों को भेजा जाता है और शिकायतों का निवारण भी होता है तथा जिन शिकायतों का निवारण नहीं हो पाता है उसको लेकर शिकायतकर्ता उपभोक्ता फाेरम में जाते हैं. पासवान ने कहा कि जो कंपनी शिकायतों को तत्पर्रता से निपटाती हैं उन्हें सम्मानित करने पर विचार किया जा रहा है ताकि दूसरी कंपनियां भी इस पर विशेष ध्यान दे सके.

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