बिलासपुर। झूठ शपथपत्र देने और कथन करने के मामले में आज उच्च न्यायालय ने डीएलएस कॉलेज संचालक बसंत शर्मा और शासन को उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए तीन हफ्ते के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सम्भागीय प्रवकता मणिशंकर पाण्डेय का पूर्व कांग्रेसी नेता एवं कॉलेज संचालक बसंत शर्मा द्वारा 23मार्च 2017 को स्टिंग किया गया था। जिसे मणिशंकर पाण्डेय ने झूठा बताते हुए प्रकरण के निराकरण के लिए न्यायालय में गुहार लगाई थी और पांच महीने की फरारी भी झेलनी पड़ी एवं मामले को न्यायालय द्वारा संज्ञान में लिया गया था। जिसपर मनीशंकर पान्डेय के जमानत आवेदन पर आपत्ति करते हुऐ डीएलएस के संचालक कांग्रेस नेता बंसत शर्मा के द्वारा झूठा कथन करते हुए आवेदन किया था जिस पर कहा गया था की मनीशंकर पान्डेय को एसीबी प्रमुख रायपुर के द्वारा 5 लाख रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा था एवं जो स्टींग आपरेशन किया गया था वह भी एसीबी रायपुर के निगरानी मे हुआ था पुरे मामले की जानकारी एसीबी रायपुर को शुरू से थी जबकि माननीय सत्र् न्यायालय बिलासपुर के द्वारा जांच प्रतिवेदन मंगाने पर थाना प्रभारी सरंकडा द्वारा कहा गया हैं की मनीशंकर को एसीबी ने रंगेहाथ नहीं पकडा हैं और ना ही एसीबी ने ऐसा कोई कार्यवाही किया है उक्त सभी को लेकर मनीशंकर पान्डेय ने एक रीट पिटिशन 482 माननीय उच्च न्यायालय मे धारा 181, 191, 193, 195,195,के तहत लगाया था जिस पर आज माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुऐ नोटीस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा हैं।