बिलासपुर के तुर्काडीह पुल के घटिया निर्माण के मामले में आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर आरके वर्मा को आज गिरफ्तार कर लिया गया है । एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज तड़के वर्मा को उनके घर रामा वैली से गिरफ्तार किया । इसके बाद मामले से जुड़े लोगों के बीच हलचल मची हुई है।
बता दें कि तुर्काडीह पुल निर्माण के सात साल में ही जर्जर हो गया था, मामले के सामने आने के बाद जाँच पड़ताल के बाद इंजीनियर वर्मा को दोषी ठहराया गया था, EOW ने वर्मा के खिलाफ 2016 में चालान पेश किया था, तब से ही फरार थे । आज गिरफ़्तारी के बाद आरोपी वर्मा को जिला कोर्ट में पेश किया जायेगा। मामले में ठेका कंपनी के संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। जिसमें आरोपी अभी भी फरार हैं कि
पीडब्ल्यूडी ने 2005 में सुंदरानी कंस्ट्रक्शन को अरपा नदी पर मंगला तुर्काडीह कोनी बाइपास रोड पर 270 मीटर लंबे उच्च स्तरीय पुल के निर्माण का काम सौंपा था। 3 मार्च 2005 को वर्क आर्डर मिलने के बाद 23 जनवरी 2007 को इसे तैयार कर सौंप दिया गया था। पीएस चंदेल तब एसडीओ थे और उसकी देखरेख में ही काम हुआ था। निर्माण पूर्ण होने के बाद चंदेल ने कार्यपालन अभियंता सुरेश खंडेलवाल, उप अभियंता आरके वर्मा और सुंदरानी कंस्ट्रक्शन सहित ठेकेदार मुराली लाल, पीतांबर, नारायण दास व सुनील के साथ मिलकर गुणवत्ता आधारित रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपा था। 2008 में लोकार्पण के बाद पुल के पिलर्स में दरारें आ गई और सरिया बाहर निकल आए। जांच में पुल क्षतिग्रस्त पाया गया। भ्रष्टाचार सामने आने पर सरकार ने ईओडब्ल्यू को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। इसमें एसडीओपी सहित अभियंता, उप अभियंता व ठेकेदार सहित सात लोगों के खिलाफ धारा 167,168,471,120 बी 13,1 डी 13,2 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था।