बिलासपुर। विकासखण्ड कोटा के छेरकबांदा स्थित वेलकम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित देशी शराब की बोतल में मक्खी निकलने का मामला सामने आया है।
मालूम हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य शासन द्वारा मदिरा विक्रय करने की जिम्मेदारी स्वमं उठाई है जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शासकीय एवं निजी भूमियो पर मदिरा विक्रय केंद स्थापित कर कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेची जा रही है। शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर एक ही स्थान में अंग्रेजी एवं देशी मदिरा का विक्रय किया जाता है जहाँ सरकारी और निजी शराब फेक्ट्रियो में आबकारी विभाग के एडीईओ स्तर के उच्च अधिकारियों की देखरेख में शराब बनाने से लेकर बोतलों में पेकिंग करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया का निर्धारण किया जाता है जहाँ सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते है। सुरक्षा के सारे मापदंडो का पालन करने के बावजूद आज नगर के कपिल नगर सीपत रोड मुख्यमार्ग स्थित शराब दुकान में एक ग्राहक जब देशी शराब खरीदने गया तो उसे जो शराब की बोतल मिली उसमे मेरी हुई मक्खी मिली जबकि शराब की बोतल में छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के सील लगी पेकिंग भी सुरक्षित चिपकी हुई है।
यही नही उक्त शराब की बोतल में वेलकम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी जो कि कोटा विकासखण्ड के छेरकाबांदा में स्थित है का नाम स्पष्ट शब्दों में लिखा होना भी पाया गया है। इससे मामले प्रतीत होता है कि आबकारी विभाग में संबंधित क्षेत्र के अधिकारी की घोर लापरवाही भी सामने आई है जिस कारण शराब की बोतल में मक्खी निकली है। ऐसा ही एक मामला विगत कुछ माह पूर्व भी हुआ था जिसे दबा दिया गया था। मामले में प्रश्न उठता है कि जिला आबकारी के उच्च अधिकारी शराब के नाम पर ग्राहकों के जीवन से खिलवाड़ कैसे कर सकते है। रिक्शा चालक मुकेश कुमार ने बताया कि वह दिन भर मेहनत मजदूरी कर पैसे एकत्रित करता हु और 50 रुपए जो कि उसके लिए बड़ी रकम है जिससे थकान मिटाने के लिए शराब खरीदकर सेवन करता हु लेकिन शराब की बोतल में मरी हुई मक्खी निकलने से जीवन के प्रति भय पैदा हो गया। देखना यह होगा कि आबकारी विभाग द्वारा भविष्य में ऐसे मामले की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्या कदम उठाता है।