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जानिए अंतरास्ट्रीय मजदूर दिवस का दर्दनाक इतिहास, हरियाणा में मजदूर दिवस आज नही मनेगा

जानिए अंतरास्ट्रीय मजदूर दिवस का दर्दनाक इतिहास, हरियाणा में मजदूर दिवस आज नही मनेगा

1 मई 1886

इंटरनेशनल अंतरास्ट्रीय श्रमिक दिवस की शुरूआत 1 मई 1886 से हुई। इस दिवस को मनाने के पीछे उन मजदूर यूनियनों की हड़ताल है जो कि आठ घंटे से ज्यादा काम ना कराने के लिए की गई थी। इस हड़ताल दौरान शिकागो की हेय मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ था, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई।

अमेरिका में मात्र 8 घंटे ही काम करने की इजाजत

जिसके बाद पुलिस जांच के घेरे में आ गई और बवाल को शांत करने के लिए अमेरिका में मात्र 8 घंटे ही काम करने की इजाजत दे दी गई और उसके बाद से ही ये दिवस मनाया जाने लगा।

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत

भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता था। आज के दिन भारत समेत अस्सी देशों में छुट्टी रहती है।

हरियाणा में मजदूर दिवस आज नहीं

हरियाणा सरकार ने इस साल मजदूर दिवस नहीं मनाने का फैसला किया है, प्रदेश के श्रम राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि 1 मई को मजदूर दिवस नहीं मनाएंगे। मजदूर दिवस विश्वकर्मा दिवस पर मनाया जाएगा।

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