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न्यूजियम ने गौरी लंकेश, भौमिक समेत मारे गए दुनिया के 18 पत्रकारों को याद किया

न्यूजियम ने गौरी लंकेश, भौमिक समेत मारे गए दुनिया के 18 पत्रकारों को याद किया

अमेरिका के वाशिंगटन में न्यूजियम ने एक समारोह में 2017 में मारे गए भारतीय पत्रकारों गौरी लंकेश और सुदीप दत्ता भौमिक सहित विभिन्न देशों के 18 दिवंगत मीडियाकर्मियों को जर्नलिस्ट मेमोरियल में शामिल किया. बता दें कि स्वतंत्र प्रेस के महत्व को समझने के लिए संग्रहालय न्यूजियम प्रतिवर्ष कुछ पत्रकारों का चयन करता है, जिन्हें स्मारिका में शामिल किया जाता है. इन पत्रकारों की मृत्यु/हत्या दुनियाभर में मीडियाकर्मियों द्वारा उठाए जाने वाले खतरों को दर्शाती है. इस साल की स्मारिका में शामिल किए गए 18 नाम में से आठ महिलाओं के हैं.

न्यूजियम ने एक संक्षिप्त विवरण में कहा, ”गौरी लंकेश पूरे भारत में जातिवाद और हिंदू कट्टरवाद के खिलाफ अपने मुखर लेखों के लिए प्रसिद्ध थीं.”’ स्मारिका में लिखा है कि 5 सितंबर, 2017 को गौरी अपने घर के मुख्य दरवाजे से कुछ कदम की दूरी पर खड़ी थीं, तभी बाइक सवार बदमाश वहां आकर रुके और उनके सीने और पेट में गोलियां मार दीं. गौरी की मौके पर ही मौत हो गयी।

न्यूजियम ने कहा है, कार्यकर्ता और अपनी साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक गौरी अक्सर हिंंदू कट्टरवाद एजेंडे की आलोचना करती थीं. गौरी की हत्या का पूरे देश में विरोध हुआ. उनकी हत्या के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.”

सुदीप दत्ता भौमिक के बारे में न्यूजियम का कहना है कि उन्होंने त्रिपुरा के स्थानीय अखबार के लिए पुलिस में भ्रष्टाचार की तहकीकात की थी. भौमिक को 21 नवंबर, 2017 को अर्द्धसैनिक बल के स्थानीय प्रमुख तपन देबबर्मा से मिलने को कहा गया. इससे एक सप्ताह पहले ही भौमिक ने बल के भीतर भ्रष्टाचार के बारे में एक लेख लिखा था. मुलाकात के दौरान भौमिक और देबबर्मा में बहस हुई. बाद में देबबर्मा ने अपने अंगरक्षक को आदेश दिया कि वह भौमिक को गोली मार दे. भौमिक की मौके पर ही मौत हो गई. भौमिक के संपादक के हवाले से न्यूजियम ने कहा, सुदीप का एकमात्र अपराध यह था कि उसने कई वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया था, जिनमें देबबर्मा संलिप्त था.”

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