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हर साल 10 लाख नौजवान को मिलिट्री ट्रेनिंग देगी सरकार ,पढ़ेंगे देशभक्ति और अनुशासन का पाठ

ताज़ाख़बर36गढ़:- युवाओं में राष्ट्रीय चेतना की अलख जगाने, उन्हें अनुशासित बनाने और किशोरावस्था से ही उनमें देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए, केंद्र सरकार स्कूली शिक्षा के साथ ही मिलिट्री-ट्रेनिंग यानी सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य करने की योजना पर विचार कर रही है. सरकार की मंशा है कि 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 10 लाख किशोरों और किशोरियों को हर साल यह प्रशिक्षण दिया जाए. इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि भविष्य में सेना, पुलिस या पारामिलिट्री फोर्स में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए. नेशनल यूथ इम्पावरमेंट स्कीम यानी N-YES के तहत 12 महीने का प्रशिक्षण लेने वाले इन नौजवानों को सरकार निर्धारित स्टाईपेंड देने पर भी विचार कर रही है.

रक्षा मंत्रालय ने दिया PMO को प्रजेंटेशन

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, पिछले महीने जून के आखिरी सप्ताह में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस योजना को लेकर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक की थी. इसमें युवा मामलों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए थे. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्कूली छात्र-छात्राओं को मिलिट्री-ट्रेनिंग देकर ‘यूथ फोर्स’ बनाने से संबंधित प्रजेंटेशन दिया था. बैठक में नई योजना के बजाए, वर्तमान में कार्यरत नेशनल कैडेट कोर (NCC) को ही और मजबूत और सक्रिय बनाने की बात उठाई गई. हालांकि अखबार के मुताबिक, पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बैठक से संबंधित किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

यूथ-फोर्स पूरा करेगी पीएम मोदी का विजन-2022

सैन्य प्रशिक्षण देने से संबंधित नई योजना का मकसद पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के महत्वाकांक्षी विजन-2022 को पूरा करना है. इस प्रशिक्षण के तहत नौजवानों को राष्ट्रीयता, मूल्यबोध, अनुशासन और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नौजवानों को इस प्रशिक्षण के तहत व्यावसायिक और आईटी स्किल, आपदा प्रबंधन (डिजास्टर मैनेजमेंट), योग, आयुर्वेद और प्राचीन भारतीय दर्शन के बारे में पढ़ाया जाएगा. इससे ये नौजवान सामाजिक मूल्यों के प्रति जिम्मेवार बनेंगे, साथ ही उनमें अनुशासन भी बढ़ेगा. सरकार की मंशा है कि सैन्य प्रशिक्षण से युवाओं में किशोरावस्था से ही राष्ट्रीयता की भावना जागृत हो, ताकि एक बार फिर दुनिया में भारत की पहचान विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो सके.

ग्रामीण इलाकों के कौशल विकास पर फोकस

‘यूथ-फोर्स’ बनाने की अपनी योजना के जरिए केंद्र सरकार अपना ध्यान देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों के किशोर-किशोरियों के कौशल विकास पर लगाना चाहती है. सरकार का मानना है कि देश के पिछड़े और ग्रामीण इलाकों में इस प्रशिक्षण से युवाओं में आत्मनिर्भरता आएगी. साथ ही स्कूली स्तर से ही प्रशिक्षण देने के बाद इन युवाओं को भविष्य में रोजगार पाने के लिए भी सक्षम बनाया जा सकेगा. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, नई योजना के लिए जहां तक फंड की बात है, नेशनल कैडेट कोर (NCC) और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के लिए उपलब्ध मौजूदा बजट के अलावा कौशल विकास मंत्रालय से मिलने वाली राशि का कुछ हिस्सा ‘यूथ-फोर्स’ में लगाने की योजना है. वहीं, मनरेगा के तहत उपलब्ध फंड से भी नई योजना के मद में राशि मिल सकती है.

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