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देशसुप्रीम कोर्ट

भीड़ हिंसा की घटनाओं पर केंद्र सरकार सख्त, बनाई उच्च स्तरीय कमेटी

ताज़ाख़बर36गढ़:- सुप्रीम कोर्ट से मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा पर संसद के जरिए कड़ा कानून बनाने के आदेश के बाद एक्शन में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने गृह सचिव राजीव गाबा की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमिटी बना दी है जो गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह को अपनी रिपोर्ट देगी और मंत्रीसमूह अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देगा. मंत्रीसमूह में राजनाथ सिंह के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा जल संसाधन मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री भी शामिल होंगे.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को मॉब लिंचिंग की वारदातों पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया था जबकि एक गाइडलाइंस जारी करते हुए राज्य सरकारों को 4 हफ्ते में इस पर अमल करने का आदेश दिया था.

कमिटी में गृह सचिव के अलावा कानूनी मामलों के सचिव, विधि सचिव, संसदीय विभाग के सचिव और सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के सचिव शामिल हैं. बता दें कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग को दंडनीय अपराध के तौर पर परिभाषित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर सकती है.

हालिया महीनों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर लोगों की हत्या कर दिए जाने के कई मामले देश भर से सामने आए हैं. ताजा घटना राजस्थान में हुई जहां बीते शुक्रवार को गौ तस्करी के संदेह पर भीड़ ने एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

मध्य प्रदेश के सिंगरौली में बच्ची चोरी के शक में एक महिला को भीड़ ने मार डाला. बेंगलुरू में एक आदमी को लोगों ने अपनी ही बेटी से मिलने के दौरान बच्चा चोर समझकर पीट दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन पहले कर्नाटक के बीदर में लोगों ने 5 लोगों को पीट दिया जिसमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई.

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