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बिलासपुरराजनीति

आप पार्टी से बिल्हा विधानसभा प्रत्याशी जसबीर सिंह ने ताज़ाख़बर36गढ़ से की खास बातचीत…पढ़े खास ख़बर

बिलासपुर-ताज़ाख़बर36गढ़:- छत्तीसगढ़ सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और जनता के दुख-दर्द को देखते हुए समाजसेवी जसबीर सिंह ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया और बिल्हा विधानसभा से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है। उनका कहना है कि राज्य हो या केंद्र, भाजपा सरकार से जनता अब उब गई है। 60 सालों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस पर भी जनता को भरोसा नहीं रह गया है।

दिल्ली सरकार की जनहित और लोक कल्याणकारी योजनाओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ की जनता को अब आम आदमी पार्टी से बड़ी उम्मीद है। बिल्हा विधानसभा के गांवों में जब वे दौरा करने जाते हैं तो जनता यही पूछती है कि आखिर उन्हें मूलभूत सुविधाएं के लिए कितने दिनों तक और तरसना पड़ेगा। आप पार्टी से बिल्हा विधानसभा प्रत्याशी जसबीर सिंह ने ताज़ाख़बर36गढ़ से खास बातचीत की।


पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:-

सवाल:- बिल्हा विधानसभा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक का कर्मस्थल है। वहां की जनता को क्या तकलीफें हैं?
जवाब:- मैं तो लगातार गांवों का दौरा करते आ रहा हूं। भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल में भी गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जैसे कि लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं। राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए छह-छह माह से लोग भटक रहे हैं। बिजली की आंख-मिचौली लगातार जारी है। फसल बीमा की बात करें तो किसान ठगा महसूस कर रहे हैं। अधिकाशं किसानों को अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला है। यह भाजपा सरकार की असफलता को दर्शाता है।
सवाल:- बिल्हा विधानसभा में इस बार भाजपा, कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से भी प्रत्याशी मैदान में होंगे। ये तीनों पार्टियों की अपनी अलग पहचान है और समर्थक भी। ऐसे में आप खुद को कैसे स्थापित कर रहे हैं?
जवाब:- नि:संदेह भाजपा सत्ता में है। कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की फौज है और जकांछ के सुप्रीमो अजीत जोगी बड़ा नाम है। ग्रामीणों के बीच मैं दिल्ली सरकार की उपलब्धियों को लेकर जाता हूं। उन्हें बताता हूं कि भाजपा सरकार यहां फसल बीमा का मुआवजा महज 27 सौ रुपए दे रही है, जबकि दिल्ली सरकार 20 हजार रुपए तक बीमा क्लेम दे रही है। विभिन्न प्रकार की पेंशन भी यहां कई गुना अधिक है। आम आदमी पार्टी बड़े-बड़े वायदे करने के बजाय काम करके दिखाना पसंद करती है। लोगों की समस्याएं सुनने और उसे हल करने में अभी पूरा ध्यान है। अधिकांश लोगों की समस्याएं सुलझा ली गई हैं, जिससे लोगों का भरोसा आम आदमी पार्टी पर बढ़ रहा है।
सवाल:- बिल्हा विधानसभा में अभी आम आदमी पार्टी की क्या स्थिति है?
जवाब:- बेहतर स्थिति है। अभी मैं लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहा हूं। अब तक आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी अन्य पार्टी ने ग्राउंड लेबल पर काम शुरू नहीं किया है। अब तक दौरे में मुझे न तो किसी गांव में सुनने को मिला कि अमुख पार्टी के लोग उनकी समस्याएं जानने आए थे और न ही मुझे आते-जाते वक्त किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता मिले हैं। काम के लिहाज से देखा जाए तो आम आदमी पार्टी की स्थिति बेहतर है। जब अन्य पार्टियों के प्रत्याशी ग्राउंड में उतरेंगे, तब पता चलेगा कि हम किस स्थिति में हैं।
सवाल:- आपको किस पार्टी से ज्यादा चुनौती है?
जवाब:- देखिए… भाजपा, कांग्रेस, जकांछ तीनों से ही हमें चुनौती है। किसी भी पार्टी को कम नहीं आंका जा सकता। भाजपा की सरकार है तो कांग्रेस के पक्ष में इस बार माहौल है। जकांछ की ओर से वर्तमान विधायक सियाराम कौशिक मैदान में होंगे। दो पार्टियों के पास पुराना सिम्बॉल है तो तीसरी पार्टी के पास नामचीन चेहरा। इसलिए किसी को कम आंकना भूल होगी।
सवाल:- आपने कहा- क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं, उसे हल करने के लिए आप किस तरह की पहल कर रहे हैं?
जवाब:- गांवों में जाकर हम समस्याओं की लिस्टिंग कर रहे हैं। हरेक गांव की अलग फाइलें हैं। समस्या का समाधान करने के लिए पहले हम प्रशासन को ज्ञापन देते हैं। इसके बाद उस आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई है, उसे जानने के लिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगते हैं। इस तरह से कुछ गांवों में समस्याएं हल हो गई हैं। क्षेत्र में सबसे गंभीर समस्या पानी को लेकर है। हमारी सरकार आई तो हम पानी की व्यवस्था सबसे पहले करेंगे।
सवाल:- रमन सरकार अब गरीबों को मोबाइल बांट रही है, इसका कितना असर पड़ेगा?
जवाब:- बिल्हा से लेकर पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल है। अब मोबाइल बांटने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लोग सहजता से मोबाइल ले लेंगे, लेकिन उन्हें वोट नहीं देंगे। मेरे नजरिए से तो मोबाइल बांटना एक तरह से युवाओं को उसमें व्यस्त करना है। युवा अपने कॅरियर के बारे में सोचना छोड़कर सोशल मीडिया में व्यस्त रहेंगे। इससे उनका समय जाया होगा। यदि सरकार को कुछ बांटना ही था तो रोजगार बांटते। आज भी ग्रामीण इलाके में 70 प्रतिशत से अधिक बेरोजगार युवा काम की तलाश में भटक रहे हैं।

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