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बिलासपुरराजनीति

आप पार्टी के बिल्हा प्रत्याशी जसबीर सिंग मांग रहें, रमन सरकार से 15 साल का हिसाब…समस्या पत्रक को लेकर 24 अगस्त को किया जाएगा पथरिया एसडीएम का घेराव

बिलासपुर-(ताज़ाख़बर36गढ़) बिल्हा विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सरदार जसबीर सिंग ‘मुख्यमंत्री जी जवाब दो, 15 साल का हिसाब दो’ अभियान के तहत लोगों से जनसंपर्क कर रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली की केजरीवाल सरकार और छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के कार्यों की तुलनात्मक ब्योरा दे रहे हैं। नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से लोगों से रायशुमारी की जा रही है। लोग भी खुलकर अपनी समस्याएं बता रहे हैं। इस दौरान उनकी समस्याओं को एक पत्रक तैयार किया जा रहा है, जिसे समस्या पत्रक नाम दिया गया है। इन पत्रकों को लेकर 24 अगस्त को पथरिया एसडीएम का घेराव किया जाएगा।

अभियान के तहत पथरिया तहसील के गांव कपुआ, जोता, भठली, हरदी, सकेरी, पत्थरगढ़ी, अंडा, पकरिया, रामबोड़, उमरिया, रमतला, बावली, अमेरीकापा, मोहदा, अटर्रा, पेंडरवा, डोड़की, भैंसबोड़, केंवाछी, झल्फा, चकरभाठा और नगपुरा का दौरा किया गया। इस दौरान उम्मीदवार सरदार जसबीर सिंग का परिचय पत्र, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के कामों की तुलनात्मक ब्योरा घर-घर पहुंचाया जा रहा है। केजरीवाल, गोपाल राय और बिल्हा विधानसभा प्रत्याशी जसबीर सिंग के भाषण को जन-जन को सुनाया जा रहा है।

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आप पार्टी के प्रत्याशी जसबीर सिंग के दौरे में गांवों में कई तरह की समस्याएं सामने आई हैं। अभियान में प्रमुख रूप से बिल्हा विधानसभा उम्मीदवार जसबीर सिंह, रवि यादव, सूरज अनंत, हरिसिंग निषाद, मधुसूदन मनहर, प्रह्लाद जायसवाल, संजय श्रीवास, नागेश ध्रुव, गुलाम गॉस, किशोर रात्रे, अंशु कोशले, दीपक रजक, चंद्रशेखर कौशिक, चंद्रप्रकाश, तिहारू, राकेश वर्मा, शेखर, विष्णु, देवी प्रसाद राजपूत, रमाशंकर, शिवशंकर, संजय निर्मलकर, खिलेश्वर वर्मा, कामता साहू, शिवानी मरावी और प्रेमलता धुरी शामिल हुए।

ये समस्याएं आई हैं सामने

ज्यादातर गांवों में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है।

लोगों के नाम राशनकार्ड से काट दिए गए हैं। दोबारा नाम जुड़वाने के लिए ग्रामीण चक्कर लगा रहे हैं।

पेंशन की समस्या तो हर गांव में देखने को मिली है। नाली और सड़क की समस्या तो आम बात है।

कपुआ प्राइमरी स्कूल के सामने सड़क पर इतनी कीचड़ है कि छोटे-छोटे बच्चों को कीचड़ के बीच सड़क ढूंढनी पड़ रही है।

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। लोगों से पैसे की मांग की जा रही है। पीएम आवास योजना का भी बुरा हाल है।

सरप्लस बिजली उत्पादक वाला प्रदेश होने के बावजूद गांवों में बिजली का हाल बेहाल है। कई-कई दिनों गांवों में बिजली नहीं रहती।

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