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UIDAI का आधार सॉफ्टवेयर हैक, कोई भी बदल सकता है आपका नाम और पता

(ताज़ाख़बर36गढ़) आधार के डेटाबेस में एक अरब से ज्यादा लोगों की निजी जानकारियां और बायॉमीट्रिक्स डीटेल दर्ज हैं। वही भारत में आधार डेटाबेस की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। ‘हफपोस्ट इंडिया’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति मात्र 2,500 रुपये में आसानी से मिलने वाले इस पैच के जरिए दुनिया में कहीं से आधार आईडी तैयार कर सकता है। पैच से आधार के सिक्यॉरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है। 

आपको बता दें कि भारत सरकार अपने नागरिकों की पहचान के लिए आधार नंबर को अनिवार्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिससे मोबाइल फोन के इस्तेमाल से लेकर बैंक खातों के लिए आधार नंबर जरूरी होगा। इसके जरिये एक अरब से ज्यादा लोगों का डेटा लीक हो सकता है।

हफपोस्ट इंडिया का कहना है कि उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन और दो भारतीय विशेषज्ञों से पैच की जांच कराई। इनमें से एक भारतीय विशेषज्ञ ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त रखी है क्योंकि वह सरकारी विश्वविद्यालय में काम करते हैं। इन विशेषज्ञों ने पता लगाया है कि पैच के जरिए यूजर महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर्स को दरकिनार कर सकता है, जिससे गैरकानूनी तरीके से वह आधार नंबर जनरेट कर सकता है। 

विशेषज्ञों के अनुसार यह पैच जीपीएस सुरक्षा फीचर्स को भी अक्षम बना देता है जिससे व्यक्ति की लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि पेइचिंग, कराची या काबुल ही नहीं दुनिया में कहीं से भी कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है। वही इनरोलमेंट सॉफ्टवेयर की आंखों को पहचानने की संवेदनशीलता को भी पैच कमजोर कर देता है, जिससे सॉफ्टवेयर को धोखा देना आसान हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति के मौजूद न होने पर भी तस्वीरों से काम कर लिया जाता है। रिपोर्ट में दवा किया है कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति किसी के भी नाम से वास्तविक आधार कार्ड बना सकता है।

क्या होता है पैच? 
पैच दरअसल, कोड का एक बंडल होता है जिसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के फंक्शन को बदलने के लिए होता है। कंपनियां मौजूदा प्रोग्राम्स में आंशिक अपडेट्स के लिए भी इस पैच का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि इनका इस्तेमाल कर नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है, जैसा इस केस में दावा किया गया है। 

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