बिलासपुर/ व्यापार विहार में तारामंडल निर्माण के लिए हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसका विरोध करने निकले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को पुलिस ने गुरुवार को पकड़ लिया। यहां से गिरफ्तार कर कांग्रेसियों को तारबाहर थाने में बिठाया गया है। इधर, कलेक्टोरेट जाने वाली सड़क में बेरिकेड्स लगा दिए गए हैं, ताकि कांग्रेसी हंगामा न कर सकें।
इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडेय ने मंत्री अमर अग्रवाल पर जमकर निशाना साधा है। उनका कहना है कि जब तक पेड़ों की बलि न दी जाए, तब तक मंत्री को कथित विकास का होना असंभव सा होते दिखाई दे रहा है। मंत्री एक बार फिर अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए मासूम पेड़ों की बलि चढ़ाने जा रहे हैं। उनका कहना है कि मंत्री दिन में तारे दिखाने के लिए मासूम पेड़ों की बलि क्यों दे रहे हैं, क्या उनके पास तारामंडल के लिए कोई और जगह नहीं बची। और बचेगी भी कहां से, उन्होंने जो शहर को बढ़ने कहां दिया। जब हम सब कांग्रेस के सिपाही पेड़ों की रक्षा करने पेड़ों की कटाई के विरोध करने पहुंचे तो मंत्री एक बार फिर पुलिस को आगे करके सामना करने से बचते दिखाई दिए। पेड़ कटाई के विरोध में पहुंचे हम सभी कांग्रेस के सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया और तारबाहर थाने में भेज दिया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता पांडेय ने कहा कि मंत्री ने पहले लिंक रोड के पेड़ों की बलि चढ़ा दी। फिर व्यापार विहार, दयालबंद, मुंगेली नाका, कोनी मार्ग, रायपुर रोड, कोटा रोड के हजारों पेड़ों की कटाई कराकर शहर का टेम्प्रेचर 50 डिग्री पहुंचा दिया, लेकिन उनका विकास शहरवालों को दिखाई नहीं दिया। ना तो आज तक इन पेड़ों की बलि के बाद पेड़ लगाए गए, न ही शहर का टेम्प्रेचर काम हुआ। जब अप्रैल-मई में शहर में बेतहाशा गर्मीं पड़ने लगी और लोगों ने पेड़ों की कटाई को वजह बताया, तो आक्सीजोन की फुलझड़ी छोड़ दी गई। अब जब चुनाव आया तो हमेशा की तरह एक बार फिर अधूरे कार्यों को दरकिनार कर फिर से कथित विकास कार्य का तमगा जमाने में लग गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से बिलासपुर जिस तेज़ी से विकास में पिछड़ता जा रहा है, अब छत्तीसगढ़ का दूसरे सबसे बड़े शहर का नाम पांचवें- छठवे में आने लगा है। पिछले 13 वर्षों में जनता को दुख तकलीफ और मौत देते हुए अपने अंजाम तक पहुंच गया है और यह योजना कभी भी चालू नहीं हो सकेगी। अरपा परियोजना सिर्फ कागजों में सिमट चुकी है। ट्रांसपोर्ट नगर अब तक बसा नहीं, गोकुलधाम की डेयरियां तो शहर में संचालित हो रही हैं। लागत से तीनगुना ज्यादा पैसे में एक आडोटोरियम बना वो भी किसी काम का नहीं। भ्रष्टाचार की मोटी परतों से बिछाई गई सड़कों के ऊपर का डामर इस बार तो चुनाव तक भी नहीं चल पा रहा है। एक ही जगह के सौंदर्यीकरण को बार-बार उजड़ा जा रहा है। जनता के करोड़ों रुपए को बर्बाद किया जा रहा है। कांग्रेस के तीन साल के शासनकाल के बाद ना तो एक भी सड़क का चौड़ीकरण हो सका और ना ही शहर का दायरा बढ़ सका। अब जब मंत्री शहर के दायरा को क़स्बा में समेत चुके हैं, तब एक ही जगह पर जनता के पैसों को बर्बाद कर आक्सीजन के बाद पेड़ों को उजाड़कर प्लेनेटोरियम बना रहे हैं।
शहर में प्लेनेटोरियम को स्मृति वन या ऊर्जा पार्क में आसानी से बनाया जा सकता था, लेकिन स्मृति वन और ऊर्जा पार्क बिलासपुर विधानसभा में नहीं आते, जिससे उनके प्रतिद्वंदी को इसका फायदा मिल जाता। इसलिए उन स्थानों का चयन नहीं किया गया। रायपुर आज चौथे मास्टर प्लान की ओर आगे बढ़ चुका है। बिलासपुर में एक मास्टर प्लान को लागू नहीं हो पा रहा है।
विरोध प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष ग्रामीण विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडेय, नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन, महेश दुबे, शिवा मिश्रा, विजय पांडेय, राजेश पांडेय, शैलेन्द्र जायसवाल, पंच राम सूर्यवंशी, अखबार अली, जावेद मेनन, तैयब खान, निर्मल मानिकपुरी, रामा बघेल, कराम गोरख, अभय नारायण समेत सैकड़ों कांग्रेस के सिपाही मौजूद थे।